۲۳ آذر ۱۴۰۳ |۱۱ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 13, 2024
समाचार कोड: 390837
1 अगस्त 2024 - 00:11
اسماعیل ھنیہ

हौज़ा / इस्माईल हानिया को हमास ने 16 फरवरी 2006 में फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नामित किया उन्हें उसी साल 20 फरवरी को नियुक्त भी कर दिया गया लेकिन एक साल बाद ही फ़िलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्माईल हानिया को हमास ने 16 फरवरी 2006 में फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नामित किया उन्हें उसी साल 20 फरवरी को नियुक्त भी कर दिया गया लेकिन एक साल बाद ही फ़िलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया।

फिलिस्तीन में 7 अक्टूबर के बाद से ही 38000 से अधिक बेगुनाह फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या कर चुके इस्राईल ने अप्रैल 2024 में एक गाड़ी पर तीन मिसाइल दाग़ी थीं. इस हमले में इस्माइल हनिया के तीन बेटे, तीन पोते-पोती और एक ड्राइवर मारे गए थे।

अब ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के पद भार ग्रहण करने के समारोह में शामिल होने तेहरान आए इस्माइल हनिया भी अपने आवास पर हुए हमले में अपने एक बॉडीगार्ड समेत मारे गए हैं।

ईरान के इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड कोर यानी आईआरजीसी के मुताबिक़- हनिया के साथ उनके एक सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं। आईआरजीसी ने कहा कि इस 'घटना' का कारण तुरंत पता नहीं चल पाया है लेकिन जांच की जा रही है।

इस्माइल हनिया हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो के प्रमुख थे। वह फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण की दसवीं सरकार के प्रधानमंत्री थे। हनिया का उपनाम अबुल-अब्द है। उनका जन्म फ़िलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में हुआ था।

मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के ज़ायोनी शासन ने हनिया को 1989 में तीन साल के लिए कैद कर लिया था। इसके बाद उन्हें हमास के कई नेताओं के साथ मर्ज-अल-ज़ुहुर निर्वासित कर दिया गया था। यह मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन और लेबनान के बीच एक नो-मेंस लैंड हैं। यहां वह एक साल तक रहे।

निर्वासन पूरा होने के बाद हनिया ग़ज़्ज़ा लौट आए। उन्हें 1997 में हमास आंदोलन के आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया। इससे उनकी हैसियत और बढ़ गई।

हमास ने 16 फरवरी 2006 में हनिया को फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नामित किया। उन्हें उसी साल 20 फरवरी को नियुक्त भी कर दिया गया लेकिन एक साल बाद ही फ़िलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया।

ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड ने ग़ज़्ज़ा पट्टी पर नियंत्रण कर लिया और अब्बास के प्रतिनिधियों को यहाँ से निकाल दिया था। एक हफ्ते तक चली इस लड़ाई में कई लोग मारे गए थे।

हनिया ने अपनी बर्खास्तगी को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया। उनका कहना था कि उनकी सरकार अपने कर्तव्यों को जारी रखेगी और फ़िलीस्तीनी लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेगी।

हनिया को छह मई 2017 को हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो का प्रमुख चुना गया। उनकी दिन प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता और बढ़ते क़द से चिंतित अमेरिका के विदेश विभाग ने 2018 में हनिया को आतंकवादी घोषित कर दिया।

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टिप्पणियाँ

  • Mesam Naqvi IN 13:06 - 2024/08/01
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    Shahadat ki tafseel dijiye shaheed haniya sahab ki