۲۳ شهریور ۱۴۰۳ |۹ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 13, 2024
آية الله الشيخ بشير حسين ‏النجفي

हौज़ा / चेहलुम के मौक़े पर हज़रत इमाम हुसैन (अस) की ज़ियारत और ख़ास तौर पर उनके रौज़ ए मुबारक तक पैदल चल कर जाना ख़ुदा की तरफ़ से अता की गई अज़ीम नेमत है जिसके शुक्राने के तौर पर हज़रत इमाम हुसैन (अस) के बताए हुए रास्ते पर चलना हम सब पर फ़र्ज़ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,चेहलुम हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के मौक़े पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलहाज हाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी का मोमेनीन के नाम पैग़ाम

सलामुन अलैकुम

चेहलुम के मौक़े पर हज़रत इमाम हुसैन (अस) की ज़ियारत और ख़ास तौर पर उनके रौज़ ए मुबारक तक पैदल चल कर जाना ख़ुदा की तरफ़ से अता की गई अज़ीम नेमत है जिसके शुक्राने के तौर पर हज़रत इमाम हुसैन (अस) के बताए हुए रास्ते पर चलना हम सब पर फ़र्ज़ है।

और जब तक हम हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के रास्ते पर बाक़ी हैं रसूल अल्लाह (स अ व आ व) हज़रत इमाम अली (अस) हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सअ) और बाक़ी इमामों (अस) ख़ास कर इमाम ज़माना (अज) की नज़रे करम और दुआएँ हम सब के साथ हैं। 

चेहलुम हज़रत इमाम हुसैन (अस) का ये अज़ीम इज्तिमा अहलेबैत (अस) के दुश्मनों की आँखों में कांटों की तरह चुभ रहा है जिसे रोकने के लिए वो हर संभव संसाधन का उपयोग कर रहे हैं,
يُرِيدُونَ لِيُطْفِئُوا نُورَ اللَّهِ بِأَفْوَاهِهِمْ وَاللَّهُ مُتِمُّ نُورِهِ وَلَوْ كَرِهَ الْكَافِرُونَ
ये लोग अल्लाह के नूर को अपनी फूंकों से बुझा देना चाहते हैं और अल्लाह अपने नूर को पूरा करके रहेगा ,भले ही कुफ़्फ़ार बुरा मानें।
इसलिए अहलेबैत (अ.स.) के दुश्मनों की साज़िशों की परवाह किए बिना हुसैनियत पर साबित क़दम रहें।

ख़ुदा आपको बख़ैरो आफ़ियत इस मुक़द्दस सफ़र को पूरा करने और एक सच्चे हुसैनी बन कर अपने वतन लौटने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए।
वस्सलामो अलैकुम
इल्तिमासे दुआ
बशीर हुसैन नजफ़ी

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .