हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी के केंद्रीय कार्यालय नजफ़ अशरफ़ से ओमान में हुए आतंकवादी हमले पर ताज़ीयत नामा भेजा हैं।
ओमान सल्तनत में आपराधिक आक्रमण पर बयान:
بسم الله الرحمن الرحيم
قال الله تعالى: (الَّذِينَ إِذَا أَصَابَتْهُمْ مُصِيبَةٌ قَالُوا إِنَّا للهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ).
صَدَقَ اللّهُ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ.
ओमान सल्तनत में अपने प्रियजनों की ख़िदमत में सबसे पहले हम हज़रत इमाम ज़माना अ.ज. और इस आपदा का सामना करने वाले सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं जो अल्लाह और रसूल स.ल.व.व. और अहल-अल-बैत (अ.स) के दुश्मनों द्वारा किया गया और उन्होंने वादी कबीर मस्कत में हज़रत सैय्यद अल-शोहदा (अ.स) के शोक मनाने वालों (अज़ादारों) को निशाना बनाया।
जिसकी बिना पर मोमेनीन का एक समूह हमें छोड़कर चला गया कि जो हज़रत इमाम हुसैन (अस) के कष्टों को पुनर्जीवित करने के लिए एकत्र हुए थे जो, वास्तव में, ईलाही दीन का पुनरुत्थान है और अल्लाह, रसूल स.ल.व.व. और अहलेबैत (अस) से विलायत का नवीनीकरण और उनके प्रति प्रतिज्ञा और निष्ठा है।
शोक मनाने वालों के साथ-साथ सुरक्षाकर्मियों ने भी शोक संतप्तों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी (إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّـا إِلَيْهِ رَاجِعونَ)، हम उन्हें अल्लाह के करीबियों में गिनते हैं और हम ख़ुदा से दुआ करते हैं कि वह उन्हें हज़रत इमाम हुसैन (अस के अंसार में इकट्ठा कर दे।
इस बिंदु पर हम इस बात पर जोर देते हैं कि ओमान की सल्तनत शांति और सद्भाव का देश था और रहेगा और घृणित कार्य का स्रोत घृणा, शत्रुता, अज्ञानता और कुफ़्र है हाल के दिनों में इसने कई मुस्लिम देशों को प्रभावित किया है।
हम अल्लाह सुब्हानहु व ताआला से दुआ करते हैं कि जो लोग गुज़र गये हैं उन पर रहम करे घायलों को शिफ़ा बख़्शे और वह पूरे ओमान सल्तनत में प्रियजनों की रक्षा करे, निश्चित रूप से वह दुआओं का सुनने वाला और उत्तर देने वाला है।
ولا حول ولا قوة إلا بالله العلي العظيم. .