۲۹ شهریور ۱۴۰۳ |۱۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 19, 2024
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हौज़ा / मजलिस-ए-शूरा-ए-इस्लामी के अध्यक्ष ने एक संदेश में हौज़ा इल्मिया क़ुम के सदस्य और प्रतिष्ठित आलिमेदीन आयतुल्लाह शेख़ अब्बास महफूज़ी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश भेजा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा इल्मिया क़ुम के प्रसिद्ध शिक्षक और हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के जामेआ मुद्रसीन के सदस्य आयतुल्लाह अब्बास महफूज़ी के निधन पर मजलिस-ए-शूरा-ए-इस्लामी के अध्यक्ष मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश भेजा है।

शोक संदेश कुछ इस प्रकार है।

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन

إذا مات العالم ثُلم فی الإسلام ثَلمة لا یسدّها شی‌

जब एक आलिमदीन का इंतेकाल होता है इस्लाम में एक ऐसी कमी हो जाती है जिसे कोई भी पूरी नहीं कर सकता। 

आयतुल्लाह शेख़ अब्बास महफूज़ी हौज़ा इल्मिया क़ुम के सदस्य और प्रतिष्ठित आलिम के निधन से गहरा दुख और खेद हुआ। 

आयतुल्लाह महफूज़ी जिन्होंने महान फ़ुज़ला (विद्वानों) से ज्ञान प्राप्त किया इस्लामी आंदोलन की जद्दोजहद में इमाम खुमैनी र.ह. के शागिर्दों और साथियों में से थे अपने सक्रिय योगदान के कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और कैद किया गया। 

क्रांति के बाद भी वे समर्पित और सच्चे सेवक के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे। अपनी धन्य उम्र के दौरान उन्होंने धार्मिक मुद्दों की व्याख्या, इस्लामी शिक्षाओं और अहल-ए-बैत अ.स के संदेशों के प्रसार, छात्रों की शिक्षा और कई पुस्तकों के लेखन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने चैरिटी और सार्वजनिक कल्याण के कार्यों में भी बड़ी दिलचस्पी दिखाई और ज़रूरतमंदों की समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर प्रयास किए जो उनके लिए सदैव नेक कामों के रूप में जारी रहेंगे। 

मैं हौज़ा इल्मिया, सम्मानित उलमा, उनके छात्रों, चाहने वालों और उनके परिवार को संवेदना व्यक्त करता हूं,और मैं अल्लाह ताला से दुआ करता हूं कि परिवार वालों को सब्र आता करें और मरहूम की मग़फिरत करें और उन्हें जवारे अहलेबैत अ.स. में जगह करार दें।

मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़
अध्यक्ष, मजलिस-ए-शूरा-ए-इस्लामी

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