۹ آبان ۱۴۰۳ |۲۶ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 30, 2024
आयतुल्लाह नूरी हमादानी

हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा नूरी हमदानी ने जिहाद और शहादत को इस्लाम की बक़ा का ज़ामिन करार देते हुए बहादुर सिपाहियों की तुलना मालिके अश्तर जैसे महान मुजाहिद से की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , आयतुल्लाहिल उज़मा नूरी हमदानी ने जांबाज़ और शहीद फाउंडेशन के प्रमुख से मुलाकात में जिहाद और शहादत की महानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि जिहाद और शहादत न होती तो इस्लाम भी न होता।

उन्होंने बहादुर सिपाहियों को मालिके अश्तर जैसे मुजाहिद के समान बताया और उनकी सेवाओं को समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण करार दिया।

आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कहा कि शहीदों और बहादुर सिपाहियों के परिवारों की सेवा सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है उन्होंने पैगंबर इस्लाम स.ल.के कथन का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम की बक़ा के लिए जिहाद और शहादत जैसी कुर्बानियां बुनियादी महत्व रखती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इमाम जाफर सादिक अ.स. ने शहादत को नेकियों के उच्चतम स्तर पर बताया हैउन्होंने इमाम खुमैनी (र.ह) के इस कथन को दोहराया कि शहीदों के परिवार समाज के चश्म ओ चराग हैं और उनकी सेवा करना पहली ज़िम्मेदारी है।

आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने जांबाज़ सिपाहियों को इस्लामी समाज का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि इन मुजाहिदों ने इस्लाम और इस्लामी व्यवस्था की रक्षा के लिए अपनी ज़िंदगियाँ समर्पित की हैं।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शहीद फाउंडेशन की जिम्मेदारी है कि वह उनकी सेवाओं का सम्मान करे और उनकी देखभाल में कोई कमी न आए।

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