गुरुवार 31 अक्तूबर 2024 - 07:52
जाहिल को पहचानें!

हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में जाहिल की पहचान कराई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیه السلام

من أخلاقِ الجاهِلِ الإجابَهُ قَبلَ أنْ يَسمَعَ والمُعارَضَةُ قَبلَ أنْ يَفْهَمَ ، والحُكْمُ بما لا يَعْلَمُ

हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

जाहिल का अख़्लाक़ यह है कि सुनने से पहले जवाब देता है, समझने से पहले मुख़ालफ़त पर उतर आता है और जिस चीज़ को नहीं जानता, उसके मुतालिक़ हुक्म सादिर कर देता है।

बिहारूल अनवार, भाग 75,पेंज 278

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