۱۵ مهر ۱۴۰۳ |۲ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 6, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में इंसान की क़ाबिले तवज्जो हक़ीकत की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया हैं इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال امیرالمؤمنين عليه السلام

مسكينٌ ابنُ آدمَ ! مَكْتومُ الأجَلِ، مَكْنونُ العِلَلِ، مَحْفوظُ العَملِ، تُؤْلِمُهُ البَقَّةُ و تَقتُلُهُ الشَّرْقَةُ و تُنْتِنُهُ العَرْقَةُ

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
बेचारा आदमी कितना बेबस है!मौत उससे नेहा, बीमारियां उसे पोशीदा और उसके आमाल महफूज़ है, मच्छर के काटने से चीख उठता है, अछु लगने से मर जाता है, और पसीना उसमें बदबू पैदा कर देता हैं।

बिहारूल अनवार,हिक्मत नं 419

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