हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
مَنْ تَوَلّی أمْراً مِن اُمُورِ النّاسِ فَعَدَلَ وَ فَتَحَ بابَهُ وَ رَفَعَ شَرَّهُ وَ نَظَرَ فی اُمُورِ النّاسِ کانَ حَقّاً عَلَی اللّهِ عَزَّ وَجَلَّ أَن یُؤَمِّنَ رَوْعَتَهُ یَومَ القِیامَةِ وَ یُدْخِلَهُ الجَنَّهًَْ۔
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. ने फ़रमाया:
जो शख्स लोगों के मामलों की ज़िम्मेदारी अपने हाथ में ले और इंसाफ़ के साथ काम करे, अपने घर का दरवाज़ा लोगों के लिए खुला रखे, लोग उसके शर से महफूज़ रहें और वह लोगों के मामलों को सही ढंग से अंजाम दे, तो अल्लाह तआला क़यामत के दिन उसे हर तरह के खौफ और घबराहट से महफूज़ रखेगा और उसे अपनी जन्नत में दाखिल करेगा।
बिहारूल अनवार,भाग 75,पेंज 340