हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله
مَن قَبَّلَ وَلدَهُ كَتَبَ اللّهُ عَزَّ وَجَلَّ لَهُ حَسَنَةً، وَمَن فَرَّحَهُ فَرَّحَهُ اللّهُ يَومَ القِيامَةِ، وَمَن عَلَّمَهُ القُرآنَ دُعِيَ بالأبَوَينِ فَيُكسَيانِ حُلَّتَينِ يُضيءُ مِن نُورِهِما وُجُوهُ أَهلِ الجَنَّةِ.
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने फरमाया:
जो व्यक्ति अपने बच्चे को बोसा दे तो अल्लाह उसके लिए एक नेकी लिखता है। और जो उसे खुश करे, अल्लाह क़यामत के दिन उसे खुश करेगा। और जो उसे क़ुरआन सिखाए, तो क़यामत के दिन उसके माता-पिता को दो नूरानी (चमकदार) वस्त्र पहनाए जाएँगे, जिनकी रौशनी से अहले-जन्नत के चेहरे भी जगमगा उठेंगें।
काफ़ी,भाग 6, पेज 49
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