हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,ईरान के शहर काशान में इदारा तब्लीग़ात ए इस्लामी के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम मेंहदी बसीरती ने अय्याम-ए-फातमिया की मुनासिबत पर ताज़ियत पेश करते हुए कहा, सबसे पहली मुदाफ़े ए विलायत (विलायत की रक्षक)हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.ल.हैं।
उन्होंने आगे कहा,हज़रत ज़हेरा स.ल. विलायत की रक्षक और अलमदार थीं। उन्होंने न केवल स्वयं बल्कि अपने बेटे, हज़रत मोहसिन अ. को भी विलायत के बचाव के लिए कुर्बान कर दिया और विलायत की हिफ़ाज़त का परचम (ध्वज) बुलंद किया यह परचम आज तक बुलंद है।
इदारा तब्लीग़ात ए इस्लामी काशान के प्रमुख ने कहा,अगर आज इस्लाम और शियाईत ज़िंदा हैं तो यह हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.ल. और इमाम हुसैन अ.स.की बरकत से है।
उन्होंने यह भी कहा,इमाम ख़ुमैनी रह. ने फरमाया था कि मुहर्रम और सफर ने इस्लाम को ज़िंदा रखा हुआ है।और इसका ज़रिया यही धार्मिक अंजुमनें हैं।
हुज्जतुल इस्लाम मेंहदी बसीरती ने कहा,दुश्मन युवाओं को अहल ए बैत अ.स.और धार्मिक अंजुमनों से दूर करने की कोशिश कर रहा है मुहर्रम सफर और अय्याम-ए-फातमिया के दौरान दुश्मन की ओर से धार्मिक पवित्रताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर हमले बढ़ जाते हैं, ताकि युवाओं को धार्मिक गतिविधियों से दूर किया जा सके।