हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हसन पोया ने इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की दृष्टि में महिलाओं का स्थान पर आयोजित इस शैक्षिक संगोष्ठी में भाषण देते हुए कहा कि इमाम खुमैनी एक सिद्धांतवादी फकीह अरीफ़ मानव विज्ञानी और आधुनिक युग के महान इस्लामी क्रांति के संस्थापक हैं।
उन्होंने इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इमाम खुमैनी ने अपने नैतिक आचरण और आध्यात्मिकता से इस्लामी जगत का नेतृत्व संभाला और अपने प्रगतिशील विचारों से एक नई दुनिया का निर्माण किया।
हसन पोया ने आगे कहा कि इमाम खुमैनी ने अपने विचारों से न केवल दुनिया को चौंकाया, बल्कि शुद्ध इस्लाम ए मुहम्मदी को शिया विश्वासों के अनुसार लोगों तक पहुंचाया।
उन्होंने इमाम खुमैनी की महिलाओं के बारे में व्यापक दृष्टिकोण की ओर इशारा करते हुए कहा कि महिलाओं के संबंध में इमाम खुमैनी की दृष्टि पर विभिन्न पहलुओं से शोध की आवश्यकता है।
इमाम की रचनाओं और कथनों से यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं के स्थान पर उनकी दृष्टि गहरी और व्यापक थी। यह दृष्टिकोण इस्लाम और पैग़ंबर ए इस्लाम हज़रत मुहम्मद के विचारों की निरंतरता है।
इमाम खुमैनी संस्थान के शोध विभाग के प्रभारी ने आगे कहा कि इमाम खुमैनी ने अपनी क्रांतिकारी आंदोलन और क्रांति की सफलता के बाद विभिन्न मौकों पर महिलाओं समाज, और परिवार में उनके स्थान के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए।
हसन पोया ने इमाम खुमैनी के महिलाओं से संबंधित कुछ प्रमुख विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस्लाम में महिलाओं की प्रतिष्ठा और गरिमा इस्लामी समाज के निर्माण में उनकी भूमिका, महिलाओं की शिक्षा, इस्लामी व्यवस्था में उनकी स्वतंत्रता, इस्लामी हिजाब, राजनीति और सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी, बच्चों के पालन पोषण में माताओं की भूमिका की महत्ता मातृत्व का सम्मान और क्रांति में महिलाओं की अग्रणी भूमिका पर इमाम खुमैनी ने स्पष्ट रूप से अपने विचार व्यक्त किए।