हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.
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इराक; इमाम रज़ा (अ) के हरम के संरक्षक के साथ प्रसिद्ध इराकी धार्मिक विद्वान की बैठक:
अहले-बैत (अ) के गुणों को बढ़ावा देना इमाम रज़ा (अ) का मिशन है
हौज़ा / जाने-माने इराकी धार्मिक विद्वान आयतुल्लाह सद्र ने इमाम रज़ा (अ) की दरगाह के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उपायों की सराहना करते हुए कहा कि इमाम रज़ा (अ) की दरगाह की शैक्षणिक और सांस्कृतिक उपलब्धियाँ एक स्रोत हैं। इस्लाम की दुनिया के लिए गौरव है।
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी की ज़िंदगी पर एक निगाह
हौज़ा / 4 जून 1989 दुनिया भर के मुसलमानों के रहबर, आज़ादी चाहने वालों के दिलों की धड़कन, आज़ादी के मतवालों को ज़िंदगी के आदाब सिखाने वाले मुजाहिद, अल्लाह की सच्ची मारेफ़त रखने वाले, बा अमल आलिम, फ़क़ीह, मुज्तहिद, लेखक और इस्लामी इंक़ेलाब की बुनियाद रखने वाले आयतुल्लाहिल उज़्मा हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह. की बरसी का दिन है, आपकी शख़्सियत बे मिसाल है और यही वजह थी कि दुनिया भर के बड़े बड़े उलमा, विद्वान यहां तक कि राजनेता आपसे मिलने की आरज़ू करते थे।
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इमाम ख़ुमैनी र.ह.एक महान हस्ती का नाम हैं
हौज़ा / चार जून सन 1989 ईसवी को दुनिया एक ऐसी महान हस्ती से बिछड़ हो गई जिसने अपने चरित्र, व्यवहार, हिम्मत, समझबूझ और अल्लाह पर पूरे यक़ीन के साथ दुनिया के सभी साम्राज्यवादियों ख़ास कर अत्याचारी व अपराधी अमरीकी सरकार का डटकर मुक़ाबला किए
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बक़ौल इमाम ख़ुमैनीः
मुसलमानों को क़ुद्स दिवस का सपोर्ट करना चाहिए
हौज़ा / मुसलमानों को क़ुद्स दिवस का सपोर्ट करना चाहिए मैंने बार बार इस्राईल की लालच की ओर से सचेत किया है कि इस्राईल ऐसा नहीं है कि जिन सरज़मीनों को उसने हथिया लिया बस वहीं पर रुक जाए।आपने देख लिया कि उसने अपनी राजधानी क़ुद्स को क़रार दिया है और ये सब चीज़ें जो अमरीका के समर्थक का कारण हैं।
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आयतुल्लाह आराफ़ी के साथ शेख ज़कज़की की मुलाकात + तस्वीरें
हौज़ा / नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन के प्रमुख ने कहा: इस्लामी क्रांति से पहले, नाइजीरिया में एक भी शिया नहीं था और इमाम खुमैनी (र) के मार्गदर्शन और हज़रत हुज्जत (अ.त.) के एहसानों के लिए धन्यवाद, आज अफ़्रीका में लाखो शिया है।
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ٰआयतुल्लाह आराफ़ी:
हौज़ा ए इल्मीया; इमाम खुमैनी (र) के नाम और झंडे को ऊंचा रखना अपना कर्तव्य समझता हैं
हौज़ा / हौज़ा इलमिया के संरक्षक ने कहा: समाज में इमाम (र) के व्यक्तित्व को पहचानने से लोगों को इस्लाम और इस्लामी क्रांति के करीब लाने में बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह. की विचारधारा आज भी जिंदा हैं
हौज़ा/हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.34 साल पहले 87 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुए एक लंबे संघर्ष के बाद आज के दिन उन्होंने इस संसार को अलविदा कहां इमाम ख़ुमैनी के स्वर्गवास के दशकों बाद आज भी उनकी विचारधारा बाक़ी है।
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हज़रत इमाम खुमौनी र.ह.की बरसी पर केन्या में एक सेमिनार का आयोजन
हौज़ा/हज़रत इमाम खुमैनी र.ह. जीवित विरासत पूर्वी अफ्रीका के विचारकों की उपस्थिति के साथ हमारे देश के सांस्कृतिक परामर्श द्वारा केन्या में आयोजित किया जाएगा।
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इमाम ख़ुमैनी र.ह. और इन्क़ेलाब इस्लामी की लोकतांत्रिक जड़ें
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व सर्वोच्च नेता इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने इंकलाब कायम करके इरान में एक मजबूत इस्लामी कानून को स्थापित किए,
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इस्लामी सिस्टम की एकता के ज़रिए हिफ़ाज़त कीजिए
हौज़ा/सारे मुसलमान भाई हैं और उनमें आपस में इत्तेहाद होना चाहिए, फूट नहीं होना चाहिए वह लोग जिन्हें ओहदे दिए गए हैं और क़ौम के बाक़ी तबक़ों की यह ज़िम्मेदारी है कि इस्लामी जुम्हूरिया की हिफ़ाज़त करें।
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:हज़रत इमाम ख़ुमैनी
इस्लाम को ज़िन्दा रखने के लिए क़ुरबानी की ज़रूरत हैं
हौज़ा/बिना क़ुरबानी के इंसान इस्लाम को ज़िन्दा नहीं रख सकता। यही क़ुरबानी थी जिसे इस्लाम के आग़ाज़ में ख़ुद पैग़म्बरे इस्लाम और इस्लाम के मानने वालों ने पेश किया
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.
इस्लामी गणराज्य के दुश्मन, ईरानी राष्ट्र को नहीं समझ पाए
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया: जो यह लोग सोचते हैं इस्लामी गणराज कुछ दिन में खत्म हो जाएगा सोचने वाले खत्म हो गए मगर इस्लामी गणराज अभी तक बाकी है और बाकी रहेगा
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बक़ौल इमाम ख़ुमैनीः
हक़ पर इत्तेहाद और डटे रहना, बातिल पर फ़तह का राज़ हैं
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया:हमें अपने हक़ पर डटे रहना चाहिए, ऐसा न हो कि बातिल अपने बातिल पर मुत्तहिद और एकजुट हो और हम अपने हक़ में बिखरे हुए रहें।
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जो लोग इमाम ख़ुमैनी र.ह.के मुक़ाबले में खड़े हुए, वो रुसवा हुए
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,जो लोग इमाम ख़ुमैनी र.ह. से टकराए, उन्होंने अपने आपको ज़लील कर लिया बदक़िस्मत हैं वह लोंग जो हक़ीक़त को छिपाया और हमारे रहनुमा इमाम ख़ुमैनी से टकरा गए उन लोगों की क़िस्मत फूट गई
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इमाम ख़ुमैनी र.ह.
हम संविधान इंक़ेलाब के अंजाम से पाठ सीखें
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया:इतिहास हमारे लिए एक सबक़ है। जब आप संविधान इंक़ेलाब का इतिहास पढ़ते हैं तो देखते हैं कि आरंभिक कामयाबी के बाद इस आंदोलन में कुछ ख़ास लोग जुड़ गए और उन्होंने ईरानी जनता को दो वर्गों में बांट दिया।
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फ़क़ीह, इमामे ज़माना की ग़ैबत के ज़माने में उम्मत का मार्गदर्शक और रक्षक हैं।
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.के बाद इस उम्मत के जानशीन अहलेबैत अ.स.और आईम्मा अ.स.हैं जब तक मासूम इमाम रहे, वही उम्मत के इमाम थे और उनके बाद उन्होंने फ़क़ीहों (धर्म व शरीयत का गहरा इल्म रखने वालों) को इस उम्मत की हिफ़ाज़त के लिए निर्धारित किए
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.
हज का सियासी पहलू उसके इबादती पहलू से कम अहम नहीं हैं
हौज़ा/हज के बड़े उद्देश्यों में से एक उसके सियासी पहलू हैं जिस दिन से हज का आग़ाज़ हुआ है उसी दिन से इसके राजनैतिक पहलू की अहमियत उसके इबादती पहलू से कम नहीं हैं।
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.
हज का सियासी पहलू उसके इबादती पहलू से कम अहम नहीं हैं
हौज़ा/हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने कहां,जिस दिन से हज का आग़ाज़ हुआ है, उसी दिन से इसके राजनैतिक पहलू की अहमियत उसके इबादती पहलू से कम नहीं हैं उसका सियासी पहलू अपनी सियासत के अलावा ख़ुद इबादत भी है।
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.
क़ुरआन, समाज की इसलाह की किताब
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया कि कुरआन अल्लाह तआला ने नाज़िल किया समाज की इस्लाह के लिए और सही रास्ते की ओर पहचान कराने के लिए
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सतर्कता और जागरूकता से अपने आंदोलन की हिफ़ाज़त करें
हौज़ा/इस्लामी इंक़ेलाब के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने फरमाया:जागरूक व सतर्क रह कर अपने आंदोलन को हाथ से न जाने दीजिए। अगर ख़ुदा न करे, ये आंदोलन ढीला पड़ गया तो फिर उन्हीं मुसीबतों की वापसी का इंतेज़ार कीजिए।
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आयतुल्लाह मोहम्मद जवाद फाजिल लंकारानी:
हम सभी को इमाम खुमैनी र.ह. के जीवन का अध्ययन करना चाहिए
हौज़ा/मरकज़े फिकही अईम्मा अतहार अ.स. के प्रमुख ने कहां,इस्लामी गणतंत्र ईरान की प्रणाली को इस महान व्यक्तित्व की जीवनी का अध्ययन करना चाहिए
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हज़रत इमाम खुमैनी र.ह.की 33वीं वर्षगांठ पर कश्मीर में कैंपेन
हौज़ा/ हिंदुस्तान के जम्मू कश्मीर में इमाम खुमैनी (र.ह.) की 33 वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक कैंपेन का आयोजन किया गया जिसमें नौजवान और बच्चे और बूढ़े (ख़ुमैनी सबके लिए) लिखा हुआ प्लेकार्ड पकड़े हुए थें,
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हौज़ा ए इल्मिया शहीदे सालिस नूरुल्लाह शुश्तारी कुम में इमाम ख़ुमैनी र.ह.की शिक्षाओं और सेवाओं को याद किया गया/फोंटो
हौज़ा/हज़रत इमाम खुमैनी र.ह.की 33वीं वर्षगांठ पर हौज़ा ए इल्मिया शहीदे सालिस नूरुल्लाह शुश्तारी कुम में एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें इमाम ख़ुमैनी र.ह.कि शिक्षाओं और सेवाओं के ऊपर रोशनी डाली गई
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी (र.ह.) की ज़िंदगी पर एक संक्षिप्त परिचय
हौज़ा/4 जून 1989 दुनिया भर के मुसलमानों के रहबर, आज़ादी चाहने वालों के दिलों की धड़कन, आज़ादी के मतवालों को ज़िंदगी के आदाब सिखाने वाले मुजाहिद, अल्लाह की सच्ची मारेफ़त रखने वाले, बा अमल आलिम, फ़क़ीह, मुज्तहिद, लेखक और इस्लामी इंक़ेलाब की बुनियाद रखने वाले आयतुल्लाहिल उज़्मा हज़रत इमाम ख़ुमैनी (र.ह.) की बरसी का दिन है, आपकी शख़्सियत बे मिसाल है और यही वजह थी कि दुनिया भर के बड़े बड़े उलेमा, विद्वान यहां तक कि राजनेता आपसे मिलने की आरज़ू करते थे।
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.का प्रतिरोध, क़ुरआनी आयतों की जीती जागती तस्वीर हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी प्रतिरोध और डट जाने की विशेषता, ये वो चीज़ है जिसने इमाम ख़ुमैनी को एक नज़रिए के रूप में, एक विचारधारा की शक्ल में, एक सोच के तौर पर और एक रास्ते की हैसियत से पहचनवाया।
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जो भी ग़ुस्सा है वह अमेरीका पर निकालिए
हौज़ा/हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने फरमाया था;इस वक़्त दुनिया की बहुत सी जगहों पर अमरीका ने आग भड़का रखी है और इस वक़्त दुनिया के बहुत से स्थानों पर जो युद्ध हो रहे हैं वो सब इसी की वजह से हैं।