हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया की उच्च परिषद के सदस्य आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी ने क़ुम में महिलाओं के प्रतिष्ठित धार्मिक और शैक्षिक केंद्र जामिअतुज़-ज़हरा (स.अ.) का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने इस धार्मिक व शैक्षिक संस्था की विभिन्न शैक्षिक, नैतिक (तर्बियती), प्रचारात्मक (तब्लिग़ी), सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का क़रीब से अवलोकन किया और उसकी कार्यप्रणाली पर संतोष जताया।
उन्होंने कहा,जामिअतुज़-ज़हरा (स.अ.) न केवल ईरान, बल्कि पूरी दुनिया में धार्मिक महिलाओं के लिए एक शैक्षिक नेतृत्व (इल्मी मरजइयत) और एक आदर्श बन चुका है।
आयतुल्लाह आराफ़ी ने संस्था के विभिन्न विभागों में हुई तरक़्क़ी, जैसे कि शैक्षिक पाठ्यक्रम में नवाचार और आधुनिक शैक्षिक प्रणाली, नैतिक व तर्बियती कार्यक्रम, अंतरराष्ट्रीय संबंध और शोध परियोजनाओं को बेहद सराहनीय बताया।
उन्होंने आगे कहा,आज के दौर की चुनौतियों का सामना करने के लिए यह ज़रूरी है कि धार्मिक शैक्षिक संस्थान, विशेषकर महिलाओं के हौज़ात-ए-इल्मिया, आधुनिक ज़रूरतों के अनुसार अपने तरीक़ों में सुधार करें।
हौज़ा ए इल्मिया के निदेशक ने कहा,इस्लामी समाजों में महिलाओं की भूमिका बुनियादी और अत्यंत महत्वपूर्ण है, और जामिअतुज़-ज़हरा (स.अ.) जैसी संस्थाएं इस भूमिका के सही मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने संस्था की मौजूदा प्रमुख, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और प्रशासकों का धन्यवाद अदा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा,इनकी दिन-रात की मेहनत ने जामिअह को शैक्षिक और नैतिक दृष्टि से एक ऊंचे मुक़ाम पर पहुंचाया है।
यह उल्लेखनीय है कि इस दौरे के दौरान जामिअतुज़-ज़हरा (स.अ.) की प्रशासनिक टीम ने हौज़ा ए इल्मिया के निदेशक को विभिन्न शैक्षिक परियोजनाओं, कार्यक्रमों और लक्ष्यों पर ब्रीफिंग दी, जिनमें हौज़वी तालीम के साथ-साथ तब्लीगी व सांस्कृतिक गतिविधियां और सोशल मीडिया पर महिलाओं की प्रभावशाली मौजूदगी भी शामिल थी।
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