हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़/अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी गर्ल्स स्कूल की पहली कक्षा की छात्रा तहनीयत फातिमा छह साल की उम्र में नाज़रा कुरान पूरा करके अपने माता-पिता के लिए गर्व और खुशी का स्रोत बन गई। तहनीत फातिमा ने अपने पिता, मौलाना सैयद जाहिद हुसैन, इमाम-ए-जुम्मा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की देखरेख में पवित्र कुरान का पाठ पूरा किया।
मौलाना सैयद जाहिद हुसैन ने संवाददाता से बात करते हुए कहा कि बच्चों को पवित्र कुरान को पूरा कराना एक परीक्षा जरूर है, लेकिन साथ ही यह शांति और खुशी का स्रोत भी है। उन्होंने कहा कि तहनीत फातिमा कम उम्र में पवित्र कुरान को पूरा करके न केवल अपने माता-पिता बल्कि अपने शिक्षकों के लिए भी खुशी का स्रोत बन गईं। मौलाना के मुताबिक, तहनीत फातिमा बेहद होशियार छात्रा हैं और शिक्षा में उनकी गहरी रुचि है। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश की सेवा करना चाहते हैं।
मौलाना जाहिद हुसैन ने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को पवित्र कुरान पढ़ाएं, क्योंकि यह अल्लाह का वचन है और मानवता के लिए विकास और मार्गदर्शन का स्रोत है। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान न केवल दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताब है बल्कि जीवन की हर समस्या का समाधान भी देती है। मौलाना ने आगे कहा कि पवित्र कुरान पढ़ने से व्यक्ति को अल्लाह की रहमत मिलती है, दिल रोशन हो जाता है और बच्चे अपने माता-पिता के लिए आशीर्वाद और खुशी का स्रोत बन जाते हैं।
तहनीयत फातिमा की सफलता पर माता-पिता और शिक्षकों ने खुशी व्यक्त की और दुआ की कि अल्लाह ताला उन्हें और अधिक ज्ञान और कर्म प्रदान करें।