۱۵ آذر ۱۴۰۳ |۳ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 5, 2024
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हौज़ा / पाराचिनर में हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ मुंबई के मुंब्रा में एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया जिसमें मौलाना हुज्जतुल वल मुस्लिमीन मौलाना असलम रिज़वी ने कहां पाराचिनार के मज़लूमों का खून ज़ाया नहीं होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में शिया उलमा बोर्ड महाराष्ट्र, जाफरी वेलफेयर सोसाइटी और शिया अशना अशरी मुस्लिम जमात के तत्वावधान में पाकिस्तान के पाराचिनार में शियाओं के नरसंहार के खिलाफ एक ऐतिहासिक कैंडल मार्च निकाला।

यह विरोध प्रदर्शन मोहम्मदी इमामबाड़ा से आंबेडकर चौक मुम्बरा तक,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना असलम रिज़वी शिया उलमा बोर्ड महाराष्ट्र की नेतृत्व में हुआ।

इस दौरान पाराचिनार में जारी शिया नरसंहार की कड़ी निंदा करते हुए,आतंकवाद मुर्दाबाद, "अमेरिका मुर्दाबाद," और "इस्राइल मुर्दाबाद" जैसे  नारे लगाए गए।

इस प्रदर्शन में मौलाना शबाब मौलाना आशिक, मौलाना क़ल्बे हसन, मौलाना फ़रमान मूसा, मौलाना नज्मुल हसन, मौलाना करार ग़दीरी, मौलाना आज़म, मौलाना हैदर अस्फहानी, मौलाना साजिद खान, मौलाना महमूद रिज़वी हौज़ा न्यूज़ के चीफ एडिटर, जनाब शेर अली, जनाब अब्बास बिल्डर, जनाब सब्ते हैदर, जनाब ज़िया जाफरी, जनाब करार साहब सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इनमें से कुछ उलमा और विशिष्ट व्यक्तियों ने भाषण देते हुए पाराचिनार के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति प्रकट की और वहां हो रहे अत्याचार की घोर निंदा की।

उन्होंने ऐलान किया कि शिया हर दौर में ज़ालिम हुक्मरानों द्वारा शहीद किए गए हैं। जो लोग शिया-विरोधी हिंसा से हमें मिटाना चाहते हैं उन्हें यह सपना देखना बंद कर देना चाहिए। जब बनी उमैया और बनी अब्बास के शासक हमें खत्म नहीं कर सके तो पाकिस्तान में मौजूद अमेरिकी एजेंट हमें क्या खत्म कर पाएंगे।

इस कार्यक्रम के संयोजक मौलाना अली अब्बास वफ़ा, जनाब अयाज़ अहसन, और जनाब ज़ीशान अज़ीमाबादी थे, जिन्होंने दिन रात मेहनत करके इस विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

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