हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , पाराचिनार के रास्तों की लगातार बंदिश और निर्दोष लोगों के कत्लेआम के खिलाफ मुल्तान में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
शिया उलमा काउंसिल पाकिस्तान के प्रमुख आलिम सैयद साजिद अली नक़वी की अपील पर पूरे देश की तरह दक्षिणी पंजाब में भी पाराचिनार और सीरिया के मज़लूमों से एकजुटता जाहिर करने के लिए प्रदर्शन और रैलियाँ आयोजित की गईं।
मुल्तान में शिया उलमा काउंसिल और अंजुमन कनिज़ान-ए-ज़हरा के तत्वावधान में अलमदार चौक पर पाराचिनार और सीरिया के पीड़ितों के समर्थन में एक बड़ा प्रदर्शन किया गया।
इसका नेतृत्व शिया उलमा काउंसिल के प्रचार विभाग के नेता आलिम सैयद काशिफ ज़हूर नक़वी, आलिम सैयद मुजाहिद अब्बास गर्देज़ी, बशारत अब्बास कुरैशी, हाजी हुसैन बलोच, साबिर हुसैन खान, मुजाहिद हुसैन सिद्दीक़ी, मुश्ताक हुसैन, रियाज़ हुसैन, और आसिफ रज़ा गर्देज़ी ने किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लब्बैक या हुसैन "पाराचिनार की मांगें स्वीकार करो और "सीरिया में पवित्र स्थलों का सम्मान बनाए रखो जैसे नारे लगाए।
नेताओं ने अपने भाषण में कहा,पाराचिनार का मसला नया नहीं है बल्कि कई सालों से वहाँ के हालात खराब हैं स्थिति दिन-ब-दिन बदतर हो रही है और अब हालत यह है कि दिनदहाड़े मासूम बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं का कत्लेआम हो रहा है।
रास्ते बंद होने और दवाओं की आपूर्ति रुकने के कारण 100 से अधिक बच्चे जान गंवा चुके हैं।उन्होंने सरकार और कानून-व्यवस्था से जुड़े संस्थानों से अपील की कि वे शांति बहाल करने की जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और पाराचिनार की वाजिब मांगों को स्वीकार करें।
रास्तों को तुरंत खोला जाए ताकि दवाओं की कमी के कारण और जानें न जाएं पाराचिनार का रास्ता साफ करना सरकार की मूल जिम्मेदारी है लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल है।नेताओं ने जोर देकर कहा कि जब तक पाराचिनार की मांगें पूरी नहीं होतीं विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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