हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने "ना-महरम लोगों से हाथ मिलाने के हुक्म" के बारे में एक सवाल का जवाब दिया है।, जिसे शरई मसाइल मे दिल चस्पी रखने वाले पाठको के लिए सवाल और उसके जवाब का पाठ प्रस्तुत किया जा रहा है।
* ना-मुहर्रम से हाथ मिलाने का आदेश
प्रश्न: यदि कोई पुरुष या महिला किसी ना-महरम से हाथ मिलाती है, तो पारिवारिक रिश्ते में समस्या आती है या माता-पिता को आपत्ति होती है, तो इसका क्या हुक्म है?
जवाब: ना-महरम व्यक्ति से हाथ मिलाना जायज़ नहीं है, लेकिन दस्ताना या रुकावट हो तो कोई दिक्कत नहीं।
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