लेखक: मौलाना सय्यद नजीबुल हसन ज़ैदी
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी | टकराने वाले और तलवे चाटने वाले दोनों का इतिहास लिखा जाता हैं, लेकिन इतिहास वही बनाते है जो टकराते हैं, जो तलवे चाटते हैं वो हज्जाज के पैरो की बैअत करके तारीख के कब्रिस्तान में दफ़न हो जाते हैं, जो टकराने वाले होते है वह अपने समय के अत्याचारी राजा के प्रति निष्ठा को नकार कर जीवित और अमर हो जाते हैं। वो अपने खून की धार से तलवार और खंजर काटते हुए इतिहास की धारा को ऐसे मोड़ देते हैं कि सही और गलत का पता चल जाता है और शीश कटाने वाले इतिहास मे अमर हो जाते है तलवे चाटने वाले गटर अपमानो के गटर मे ज़िल्लतो की ओझड़ीया ओढ़ कर नापैद हो जाते है।
इतिहास तेल से समृद्ध अरब राज्यों के लिए भी लिखा जाएगा और बूंद बूंद पानी और भोजन के मोहताज ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों के लिए भी इतिहास लिखा जाएगा। ग़ज़्ज़ा का इतिहास अंधेरी और उजाड़ सड़कों पर दवाइयां और जीवन की जरूरतें पहुंचाने वाले दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ उन शियाने हैदर कर्रार का भी लिखा जाएगा जो धर्म और पंथ से परे मानवता को बचाने के लिए आए थे और उन अंतरात्मा बेचने वालों के बारे में भी जिनके लिए तशय्यो ने सय्यद हसन जैसा सपूत का बलिदान कर दिया, लेकिन समय आने पर उन्होंने परचिनार को अकेला छोड़ दिया। इतिहास उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों की सेवाओं के लिए भी लिखा जाएगा जो कल्याणकारी सेवाएं और दवाएं और आवश्यक वस्तुएं प्रदान करते हैं। इतिहास में भोजन की कमी से जूझ रहे पाराचिनार के बच्चों, किला नुमा मठों में बैठकर हुर्रियत की शिक्षा देने वालों और शियो के साहस के बारे में भी लिखा जाएगा जो विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल होने के बावजूद विरोध जारी रखने पर आमादा हैं। सड़कों पर बीबाक, बहादुर और निडर हसन जफ़र नकवी, हुर्रियत के व्यावहारिक शिक्षक जो मठवासी स्वभाव पर क्रांतिवाद का किला खड़ा करके शियो को बदनाम करने वालों के खिलाफ खड़े हुए, राजा नासिर. शहंशाह नक़वी जैसे साहसीयो का भी ...।
आने वाला कल बताएगा कि साम्राज्यवाद के तलवे चाटने के दम पर राजगद्दी, ताज और जीवन संसाधनों की प्रचुरता के बाद भी कौन बदनाम हुआ और झूठ से टकराकर और सब कुछ हारकर भी कौन जीता, यह जीत और हार की कहानी नही है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि क्या हम चाटुकारिता करने वालों के साथ हैं या क्रूर काल से टकराने वालों के साथ है।
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