हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلی الله علیه وآله :
إنّهُ لا يُدرَكُ ما عِندَ اللّه ِ إلاّ بطاعَتِهِ؛
पवित्र पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
अल्लाह के पास जो कुछ भी है वह उसकी आज्ञाकारिता के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता।
अल-काफ़ी: भाग 2, पेज 74, हदीस 2
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