हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह रिवायत "काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی الله علیه و آله:
عَلَيكُم بِالعَفوِ؛ فَإنَ العَفوَ لا يَزيدُ العَبدَ إلاّ عِزّا، فَتَعافَوا يُعِزَّكُمُ اللّهُ
अल्लाह के रसूल (स) ने फ़रमाया:
क्षमा करो और दर गुज़र (माफ़) करो क्योंकि इससे व्यक्ति की गरिमा बढ़ती है। इसलिए, एक-एक करके, कमियों से बचो ताकि अल्लाह तुम्हारी गरिमा बढ़ाए।
काफ़ी, भाग 2, पेज 108, हदीस 5
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