रविवार 19 जनवरी 2025 - 10:48
फ़िलिस्तीन आज़ादी के क़रीब है इस्राईल असफ़ल हो गया

हौज़ा/इस युद्धविराम समझौते से जहां राहत महसूस की जा रही है, वहीं बंधकों के लिए खतरे का भी अंदेशा जताया जा रहा है, क्योंकि इज़राइल ने हमलों को बढ़ा दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम और क़ैदियों के आदान-प्रदान समझौते के लागू होने से कुछ घंटे पहले, हमास ने इसे फ़िलस्तीनी जनता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस्राईल अपना कोई लक्ष्य हासिल करने में विफल रहा है, और फ़िलस्तीनियों ने उसके घमंड को धूल में मिला दिया है। दूसरी ओर, इस्राईल ने युद्धविराम के लागू होने से पहले हमलों में तेज़ी ला दी है, जिससे 122 फ़िलस्तीनी शहीद हो गए हैं, जिनमें 33 बच्चे शामिल हैं।

हमास ने यह भी कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद, इस्राईल का उद्देश्य बंधकों की रिहाई और हमास का खात्मा था, लेकिन ग़ज़्ज़ा पर 15 महीने तक किए गए हमले के बावजूद वह न तो बंधकों को रिहा कर सका और न ही हमास को खत्म कर सका। अब युद्धविराम के बाद भी इस्राईल को क़ैदियों की रिहाई और ग़ज़्ज़ा से अपनी सेना की वापसी पर सहमति देनी पड़ी है।

पहले चरण में, 1904 फ़िलस्तीनी क़ैदियों की रिहाई के बदले इस्राईल को अपने 33 बंधकों को छोड़ना होगा। क़ैदियों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया के तहत, प्रत्येक बंधक के बदले 30 फ़िलस्तीनी रिहा किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रत्येक महिला सैनिक के बदले 50 फ़िलस्तीनी क़ैदी छोड़े जाएंगे।

"यूरो-मेड ह्यूमन राइट्स मॉनिटर" जैसी मानवाधिकार संस्थाओं ने ग़ज़्ज़ा में नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जवाबदेही की मांग की है और कहा है कि युद्धविराम के बाद भी इसे सुनिश्चित करना जरूरी है कि भविष्य में ऐसे अपराध न हों।

इस युद्धविराम समझौते से जहां राहत महसूस की जा रही है, वहीं बंधकों के लिए खतरे का भी अंदेशा जताया जा रहा है, क्योंकि इज़राइल ने हमलों को बढ़ा दिया है।

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