हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुुसार, "इज़राइली पुलिस ने कब्जे वाले पूर्वी येरुशलम से 'सीज़ फ़ॉयर और बंधकों की रिहाई' के समझौते के बाद रिहा किए गए फिलिस्तीनी क़ैदियों का जश्न मनाने पर 12 फिलिस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया।" पुलिस के बयान में कहा गया कि, "रिहा किए गए फिलिस्तीनी क़ैदियों के समर्थन में रैली में भाग लेने वाले 12 फिलिस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है।"
बयान में आगे कहा गया है, "वीडियो के माध्यम से 12 फिलिस्तीनी नागरिकों को पकड़ा गया है जो पूर्वी येरुशलम के पास क़फ़र अक़ाब में रैली के दौरान हमास का झंडा लहरा रहे थे और फायरिंग कर रहे थे।" पुलिस ने यह भी कहा है कि "बुधवार को हिरासत में लिए गए इन 12 फिलिस्तीनी नागरिकों की हिरासत को बढ़ाने के लिए उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। रिहा किए गए फिलिस्तीनी क़ैदियों के लिए किसी भी तरह का जश्न और हमास से एकजुटता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
इज़राइली मीडिया के अनुसार, "पुलिस ने पूर्वी येरुशलम में कई फिलिस्तीनी नागरिकों के घरों पर छापे मारे हैं और नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे समझौते के तहत रिहा किए गए फिलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई का जश्न मनाने से बचें।"
6 हफ्तों का चरण
19 जनवरी 2025 को इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम और बंधकों की रिहाई का समझौता हुआ था। 7 अक्टूबर 2023 से युद्धविराम तक, 47,300 से अधिक फिलिस्तीनी शहीद हो गए थे जबकि 1 मिलियन 11 हजार से अधिक घायल हुए थे। इस समझौते के तहत इज़राइल ने अब तक 290 फिलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा किया है, जबकि हमास ने 4 इज़राइली बंधकों को रिहा किया है। इज़राइली आक्रमण के परिणामस्वरूप, 11,000 फिलिस्तीनी अभी भी मलबे में दबे हुए हैं, और फिलिस्तीनी क्षेत्र में तबाही का आलम है।
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