हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, नाइल बरग़ूती, जिन्हें दुनिया का सबसे लंबे समय तक क़ैद में रहने वाला राजनीतिक क़ैदी माना जाता है इज़राइल की एक जेल में बंद थे और क़ैदियों की अदला-बदली के एक समझौते के तहत रिहा किए गए। उन्होंने फ़लस्तीनियों पर हो रहे न खत्म होने वाले अत्याचारों पर दुनिया की "शर्मनाक" ख़ामोशी की कड़ी निंदा की है।
एक बयान में जो कल जारी किया गया बरग़ूती ने जो इस साल फरवरी में हमास और इज़राइल के बीच क़ैदियों के अदला-बदली समझौते में रिहा हुए कहा,इज़राइली क़ैदियों की रिहाई के समय दुनिया की पूरी तवज्जो और फ़िलस्तीनियों की हत्या व गिरफ़्तारी के समय की बेरुख़ी व लापरवाही वाक़ई हैरान करने वाली है!
इस 65 वर्षीय व्यक्ति ने इज़राइली जेलों को ज़िंदगी का क़ब्रिस्तान क़रार दिया, जहाँ क़ैदियों को हर दिन शारीरिक और मानसिक यातनाओं, धीरे-धीरे मौत देने वाली नीतियों और मानव गरिमा की ऐसे उल्लंघनों का सामना करना पड़ता है, जिनकी मिसाल इतिहास के सबसे अंधेरे दौरों में भी नहीं मिलती।
45 साल इज़राइली जेलों में गुज़ारने वाले बरग़ूती ने मांग की कि इज़राइल की इन घिनौनी नीतियों को बेनकाब करने के लिए फौरन कार्रवाई की जाए। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इन अपराधों में इज़राइल का सहभागी और ज़िम्मेदार ठहराया।
स्रोत: मिडिल ईस्ट मॉनिटर (Middle East Monitor)
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