हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरोहा में अकीला बनी हाशम, सानी-ए-ज़हरा, हज़रत ज़ौनब क़ुबरा के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर मस्जिद-ए-इमामिया अमरोहा में तकरीर करते हुए शोधकर्मी डॉक्टर शहवार हुसैन नक़वी ने कहा कि आज की ज़रूरत यह है कि हम दुनिया के सामने जनाब ज़ैनब की सीरत पेश करें। क्योंकि इस सीरत से महिलाओं में अज़्म, हौसला, हिम्मत और साहस का जज़्बा पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि जनाब ज़ैनब ने जिन हालात का सामना किया, शायद ही किसी ने किया हो। आपके सामने भरा हुआ घर उजड़ गया, सारा बाग़ तबाह हो गया, गोद में पलने वाले मारे गए, मगर आपने सब्र का दामन नहीं छोड़ा और बेहद हिम्मत और साहस के साथ दूसरी महिलाओं और बच्चों को सहारा दिया। आपकी कोशिश थी कि किसी तरह भाई के पैगाम को आम किया जाए। और फिर आप ने शाम, जो दुश्मनों का केंद्र था, के बाजारों में खड़ा होकर शौर से हिम्मत और साहस के साथ अहल-ए-हरम और इमाम हुसैन का परिचय दिया।
इसी तरह दरबार-ए-यज़ीद में ख़िताब करके आपने कहा, "ख़ुदा की क़स्म, तू हमारे ज़िक्र को मिटा नहीं सकता। हमारे जवानों को क़त्ल करके तुझे यह नहीं लगना चाहिए कि हम खत्म हो गए हैं। ऐ यज़ीद, याद रख, हम आले मुहम्मद को कोई नहीं मिटा सकता।"
उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के सामने ऐसी बलिदानी महिलाओं का ज़िक्र करना चाहिए ताकि आने वाली नस्लें हक़ के लिए जान निसार करने के जज़्बे से भर जाएं।
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