हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह जावादी अमोली ने एक लेख में मृत्यु के क्षण और शैतान की उपस्थिति के बारे में इमाम सादिक़ (अ) की हदीस का हवाला दिया और कहा:
इमाम सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
مَا مِنْ أَحَدٍ یَحْضُرُهُ اَلْمَوْتُ إِلاَّ وَکَّلَ بِهِ إِبْلِیسُ مِنْ شَیْطَانِهِ أَنْ یَأْمُرَهُ بِالْکُفْرِ وَ یُشَکِّکَهُ فِی دِینِهِ حَتَّی تَخْرُجَ نَفْسُهُ فَمَنْ کَانَ مُؤْمِناً لَمْ یَقْدِرْ عَلَیْهِ فَإِذَا حَضَرْتُمْ مَوْتَاکُمْ فَلَقِّنُوهُمْ شَهَادَةَ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اَللَّهُ وَ أَنَّ مُحَمَّداً رَسُولُهُ صَلَّی اَللَّهُ عَلَیْهِ وَ آلِهِ و سلم حَتَّی یَمُوتَ मा मिन अहदिन यहज़ोरोहुल मौतो इल्ला वक्कला बेहि इबलीसो मिन शैतानेहि अय यामोरहू बिल कुफ्रे व योशक्केकहू फ़ी दीनेही हत्ता तख़रोजा नफ़सोहू फ़मन काना मोमेनन लम यक़दिर अलैहे फ़इज़ा हज़रतुम मौताकुम फ़लक़्क़ेनोहुम शहादता इन ला इलाहा इल्लल्लाहो व अन्ना मुहम्मदर रसूलोहू सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम हत्ता यमूता।
कोई भी व्यक्ति मृत्यु के निकट नहीं पहुंचता सिवाय इसके कि इबलीस अपने शैतानों में से किसी को उसके ऊपर नियुक्त कर दे कि वह उसे आज्ञा दे कि वह कुफ्र करे और अपने धर्म पर संदेह करे जब तक कि वह मर न जाए। अतः जो कोई मोमिन है, उस पर शैतान ग़ालिब आने की कुदरत नही रखता। जब तुम अपने मरने वाले से मिलने जाओ तो उनके मन में यह बात बिठा दो कि "अल्लाह के अलावा कोई ईश्वर नहीं है" और "मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं" जब तक कि वे मर न जाएं।
अल-काफ़ी, भाग 3, पेज 123
मफ़ातीह उल हयात, पेज 372
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