आयतुल्लाह जवादी आमूली (55)
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धार्मिकशबे क़द्र के मुशतरक आमाल
हौज़ा / रमज़ान उल मुबारक की उन्नीसवीं, इक्कीसवीं और तेइसवीं शबे क़द्र के मुश्तरक आमाल
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धार्मिकरमज़ान उल मुबारक के अय्यामे बीज़ के आमाल
हौज़ा/रमज़ान की तेरहवीं, चौदहवीं और पंद्रहवीं रातों के आमाल।
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आयतुल्लाह जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामइस्तिखारा कब किया जाना चाहिए?
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज्मा जावादी आमोली ने इस्तिखारा के बारे में बताते हुए कहा कि इस्तिखारा का अर्थ है "सुधार की मांग करना।" लेकिन इस्तिखारा जो एक व्यक्ति कुरान से बिना सोचे, बिना परामर्श किए,…
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उलेमा और मराजा ए इकरामरमज़ान उल मुबारक दिलों की शुद्धि का महीना है: आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह जवादी आमोली ने "हृदय की पवित्रता, प्रार्थना की स्वीकृति का मार्ग" शीर्षक से एक लेख में रमज़ान उल मुबारक के महीने के आगमन पर चर्चा की।
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उलेमा और मराजा ए इकरामअपने बच्चों को कुरान सिखाने वालो को क़यामत के दिन बेमिसाल इनाम मिलेगा:आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने "कुरान और दीनी अहकाम पढ़ाने का पुरस्कार" विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को कुरान पढ़ाना और उन्हें इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद (स) और उनके अहले बैत (अ)…
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गैलरीफ़ोटो / आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमोली द्वारा 80-खंडो पर संकलित तफ़सीरे तसनीम का अनावरण समारोह
हौज़ा/ आयतुल्लाह जावादी आमोली द्वारा लिखित बहुमूल्य तफ़सीरे तसनीम का अनावरण समारोह क़ुम के दार अल-शिफा स्कूल में आयोजित किया गया।
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उलेमा और मराजा ए इकरामशहीद हसन नसरूल्लाह की यह महानता कुरआन और अहले-बैत (अ) के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण थी: आयतुल्लाह जावादी आमोली
हौज़ा/ आयतुल्लाह जावादी आमोली ने तफ़सीर तस्नीम के अनावरण समारोह में बोलते हुए कहा कि शहीद सय्यद हसन नसरूल्लाह की महानता और सफलता का रहस्य पवित्र कुरआन और अहले-बैत (अ) के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता…
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आयतुल्लाह आराफ़ीः
उलेमा और मराजा ए इकरामतफ़सीर तसनीम हौज़ा का एक अनमोल खज़ाना है
हौज़ा/ आज क़ुरआन और तफ़सीर के प्रति ध्यान धार्मिक विद्यालयों में एक अच्छे स्तर पर है। उन्होंने तफसीर तसनीम को एक अनमोल खज़ाना बताते हुए कहा कि विभिन्न स्तरों पर 200 से अधिक तफसीरी पाठ्यक्रम चलाए…
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आयतुल्लाहिल उज्मा जावादी अमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामशैतान मोमेनीन पर ग़ालिब आने की क़ुदरत नही रखता
हौज़ा / आयतुल्लाह जावादी अमोली ने कहा: किसी की मौत तब तक नहीं आती जब तक इबलीस अपने शैतानों में से किसी को उसके ऊपर नियुक्त न कर दे जो उसे आदेश दे कि वह कुफ्र करे और उसके धर्म पर शक करे जब तक…
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गैलरीफ़ोटो / बकीयतुल्लाह आज़मा (अ) के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली के हाथो छार्मिक छात्रो की अम्मामा पोशी समारोह
हौज़ा/ बकीयतुल्लाह आज़मा (अ) के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली के हाथो छार्मिक छात्रो की अम्मामा पोशी आयतुल्लाह के कार्यलय मे सम्पन्न हुई।
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धार्मिकनीम ए शाबान अर्थात शबे बरात के आमाल
हौज़ा/ इस शब की बरकतों में एक यह भी है कि इस रात हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की विलादत हुई हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामदुआ ए अहद; तौहीद की शिक्षाओं के माध्यम से इमाम ज़माना (अ.स.) तक पहुँचने का रास्ता
हौज़ा /आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा कि इंतज़ार करने वालों को इमाम ज़माना (अ.ज.) के आगमन के लिए माहौल तैयार करने में अपनी जिम्मेदारियाँ निभाने के साथ-साथ इस ग़ायब इमाम के लिए दुआ और उनसे…
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अहवाज़ के इमाम जुमा की धार्मिक छात्रो को नसीहतें;
ईरानसावधान रहें! कभी एक गुनाह इंसान के सारे अच्छे कामों को बर्बाद कर सकता है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन मूसवी फर्द ने कहा، "कभी-कभी इंसान से ऐसा एक गुनाह हो जाता है, जो उसके सारे अच्छे कामों को नष्ट कर देता है"।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामनमाज के खत्म होते ही मुसल्लाह तर्क ना करें
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा,यह जो कहा गया है कि नमाज़ के बाद जल्दी मुसल्ले को न छोड़ें इसका कारण यह है कि नमाज़ के बाद दुआ क़बूल होती है।
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ईरानईदे मबअस का जशन और अम्मामा पोशी का समारोह मराज ए तक़लीद की उपस्थिति मे आयोजित किया गया
हौज़ा/ ईदे मबअस के शुभ अवसर पर हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के कुछ छात्रों के लिए एक जश्न और अम्मामा पोशी का समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मराजे ए तक़लीद की उपस्थिति रही।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामक़ुरआन को अपनाना और उसकी शिक्षाओं पर अमल करना ही खुशहाल और सफल जीवन की कुंजी है
हौज़ा/ आयतुल्लाह जवादी आमोली ने क़ुरआन को अपनाना और उसकी शिक्षाओं पर अमल करना ही खुशहाल और सफल जीवन की कुंजी बताते हुए दुनिया और आख़िरत दोनो मे सफलता और सुरक्षा प्रदान करने वाला बताया।
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उलेमा और मराजा ए इकरामआयतुल्लाह जवादी आमोली की ज़बानी जागरूक व्यक्ति की विशेषता
हौज़ा/ जागरूकता और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति सतर्कता पर निर्भर करती है। जो व्यक्ति अपने दिल को लापरवाही से, अपनी आत्मा को वासना से, अपने बौद्धिक विवेक को इल्मी अज्ञानता से, और अपने व्यावहारिक…
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उलेमा और मराजा ए इकरामअहले-बैत (अ) के साथ संबंध मानव मुक्ति और खुशी की गारंटी है: आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी अमोली
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी अमोली ने अपने साप्ताहिक नैतिकता पाठ में इस बात पर जोर दिया कि कुरआन और अहले- बैत (अ) के प्रति लगाव व्यक्ति को गलतियों से बचाता है और सफलता का मार्ग प्रदान करता…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामइस्लाम किसी इंसान का अपमान नहीं करता / दुनिया न्याय, बुद्धि और सुधार से चलती है न कि अन्याय और हथियार से
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद अली रज़ा रिज़वी से मुलाकात के दौरान कहा,यदि इंसान अपनी अनंत वास्तविकता को समझ ले तो वह ऐसे कर्म करेगा जो हमेशा के लिए लाभकारी हों दुनिया का सुधार हत्या और…
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ईरानअहले-बैत (अ) का ज़िक्र जीवन देने वाला है, और शिया अहले-बैत (अ) के मआरिफ के प्यासे हैं: आयतुल्लाह जवादी आमोली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने अहले-बैत (अ) के ज़िक्र को जीवनदायी बताते हुए कहा: शिया हमेशा अहले-बैत (अ) के ज्ञान के प्यासे रहते हैं।
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आयतुल्लाह जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामहमें अमेरिका और इजराइल की परवाह नहीं है / इजरायल और उसके जैसे समाप्त होने वाले हैं
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह जवादी आमोली ने कहा: अगर आंतरिक प्रतिरोध शुरू हो गया, और हम ने अपनी आत्मिक लड़ाई (जिहाद-ए-नफ्स) में जीत हासिल कर ली, और इस आंतरिक दुश्मन को हराया, तो फिर बाहरी दुश्मनों…
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ईरानआयतुल्लाह जवादी आमोली की 80 जिल्दो पर आधारित तफ़सीर तसनीम का प्रकाशन मुकम्मल
हौज़ा / अंतरराष्ट्रीय इसरा फाउंडेशन के प्रमुख ने घोषणा की है कि आयतुल्लािल उज़्मा जवादी आमोली की 80 जिल्दों में पूरी होने वाली क़ुरान की तफ़सीर "तसनीम" का प्रकाशन समारोह 20 जमादिस सानी को मनाया…
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ईरानईरान के विदेश मंत्री ने आयतुल्लाह आराफ़ी से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया
हौज़ा / ईरान के विदेश मंत्री डॉ. अब्बास अराक़ची ने हौज़ा ए इल्मिया के संरक्षक आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी से मुलाकात और बातचीत की है।
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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली:
उलेमा और मराजा ए इकरामहज़रत अली अलैहिस्सलाम के ख़ुत्बे क़ुरान की व्याख्या और तफ़सीर के समान हैं जो इल्म और हिकमत की उच्चतम मिसाल हैं।
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने कहा,वह लोग जो केवल खुद को प्रमुख बनाने या खबरों में बने रहने की इच्छा रखते हैं, न तो दूसरों की समस्याएं हल कर सकते हैं और न अपनी।