आयतुल्लाह जवादी आमूली (99)
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामहज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ.की इबादत बेमिसाल है
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने अपने एक बयान में हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की इबादत के मक़ाम को बेहद बुलंद करार दिया।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामजो कोई अपने माता-पिता को दुःखी करता है, वह अपने आप को माता-पिता का अवज्ञाकारी बनाता है
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह जवादी आमिली ने रसूल अक़रम (सल्लल्लाहो अलैहे व आलेहि वसल्लम) की हज़रत अली (अलैहिस्सलाम) को वसीयत में माता-पिता और संतान के अधिकार बताते हुए फरमाया: जो भी अपने माता-पिता…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामअगर हौज़ा और यूनिवर्सिटी धर्मनिष्ठा के मार्ग पर चलते रहेंगे तो समाज भी सुधार के मार्ग पर आगे बढ़ेगा
हौज़ा / आयतुल्लाहfल उज़्मा जवाद आमोली ने फ़रमाया कि तक़वा, तौहीद, अक़्लानियत और अद्ल ही वे बुनियादें हैं जो न सिर्फ़ मुआशरे बल्कि हौज़ा और यूनिवर्सिटी को भी संभाले रखती हैं। अगर ये दोनों इल्मी…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामइस्लामी निज़ाम को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी अमल या बयान जहालत का उदाहरण है
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमोली ने कहा,इमामत और उम्मत की व्यवस्था में सामाजिक और धार्मिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि अज्ञानता को पहचाना जाए और उसे समाप्त किया जाए। कोई भी…
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उलेमा और मराजा ए इकरामदिल की बसीरत ही हक़ीक़ी मारफ़त का स्रोत हैः आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा कि अल्लाह तआला ने इंसान को सिर्फ़ सुनने और समझने का नहीं बल्कि “देखने” का भी उत्तरदायी बनाया है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि असली मारफ़त ज्ञान…
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उलेमा और मराजा ए इकरामदिल की बसीरत ही वास्तविक ज्ञान का स्रोत है।आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने कहा कि अल्लाह तआला ने इंसान को सिर्फ सुनने और समझने का ही नहीं बल्कि देखने का भी मुकल्लफ़ बनाया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हक़ीक़ी मआरिफ़त केवल पढ़ाई…
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हजरत आयतुल्लाह जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामबेदारी मारफ़त और मुराक़ेबा की मोहताज है / इंसान को अपने हर काम में सावधान रहना चाहिए
हौज़ा / हजरत आयतुल्लाह जवादी आमोली ने कहा: जो व्यक्ति अपने दिल को लापरवाही से, अपनी नफ़्स (आत्मा) को हवस से, अपने सोचने-समझने वाले दिमाग को असली जंगलीपन से और अपने अमली दिमाग को व्यवहार में जंगलीपन…
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उलेमा और मराजा ए इकरामअहले इल्म के लिए आयतुल्लाह जवादी आमोली की नसीहत:अगर पढ़ा न सके तो उम्र बर्बाद कर दी!
हौज़ा / ईरान के हौज़ा ए इल्मिया के मशहूर कुरआन के मुफ़स्सिर आयतुल्लाहिल उज़मा जावादी आमुली ने तालिबे इल्म और बुद्धिजीवियों को सलाह देते हुए कहा कि अगर कोई शख्स इल्म हासिल करे लेकिन दूसरों को…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोलीः
उलेमा और मराजा ए इकरामहौज़ा ए इल्मिया और विश्वविद्यालयों का काम अज्ञानता मिटाना है
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह जवादी आमोली ने कहा: जो व्यक्ति लापरवाह हो और बिना सोच-विचार के कोई कदम उठाए, उसे पछतावे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा; लेकिन जो व्यक्ति एहतियात, दूरअंदेशी और समझ-बूझ का मालिक…
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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामहम अहले बैत अ.स. जैसे तो नहीं हो सकते मगर उनके मक़तब के शागिर्द बन सकते हैं
हौज़ा / क़ुम अल मुक़द्देसा, हरम ए हज़रत ए मासूमा सल्लल्लाहु अलैहा में स्थित मस्जिद-ए-आज़म में अपने साप्ताहिक दर्स-ए-अख़लाक़ में आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा कि कुरआन और अहले-ए-बैत अलैहिमुस्सल…
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उलेमा और मराजा ए इकरामसमाज ज्ञान से नहीं, बल्कि नैतिकता से संचालित होता है: आयतुल्लाह जवादी आमोली
हौज़ा/ आयतुल्लाह जवादी आमोली ने "नैतिकता नामक कीमिया" विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि समाज की नींव ज्ञान पर नहीं, बल्कि नैतिकता पर आधारित है। पैगंबर मुहम्मद (स) ज्ञान में अद्वितीय थे, लेकिन…
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आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली:
दुनियाकमज़ोर और पस्त कौमे ही गैरों की गुलामी कबूल करती है/ मोमिन को ज़लील करने की इज़ाज़त नहीं है
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमोली ने कहा कि सत्ता का वास्तविक अर्थ यह है कि इंसान अपनी संपत्ति पर और समाज अपने देश पर पूर्ण नियंत्रण रखे इसलिए कोई भी स्वाभिमानी राष्ट्र विदेशी दबाव और अपने…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामतक़्वा के बगै़र इल्म हकीकी हासिल नहीं होता
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने कहां,कई ऐसे उलूम होते हैं, चाहे वो हौज़ा में हों या विश्वविद्यालय में जो इसलिए कारगर नहीं होते क्योंकि वे केवल उस मूल सिद्धांत «مَن فَقَدَ حسّاً فَقَدْ…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामसच्ची आज़ादी लालच और वासना से मुक्ति में निहित है, आंतरिक गुलामी बाहरी गुलामी से ज़्यादा ख़तरनाक है
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति लालच का आदी है, तो उसे समझ लेना चाहिए कि वह एक गुलाम है; इसलिए, दूसरों को आज़ाद करने से पहले, व्यक्ति को पहले खुद को आज़ाद करना…
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उलेमा और मराजा ए इकरामअम्र बिल मअरूफ और नही अनिल मुनकर आज़ादी के खिलाफ़ नहीं है।आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने अपने एक बयान में कहा कि आम्र बिल मआरूफ़ और नही अनिल मुनकर ऐसा इलाही फर्ज़ है जो न तो व्यक्तिगत या सामाजिक आज़ादी में बाधा है, न ही यह हिंसा, दूसरों को…
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आयतुल्लाहिल उज्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामइस्लामी व्यवस्था एक इलाही अमानत है/समाज का सुधार और वास्तविक प्रगति नैतिक शिक्षा से ही संभव है
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की व्यवस्था एक इलाही अमानत है जो अंततः अपने असली मालिक तक पहुँचेगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि समाज का सुधार और वास्तविक प्रगति…
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उलेमा और मराजा ए इकरामशियो का लक्ष्य वैश्विक व्यवस्था में सुधार लाना है: आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा है कि शियो की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ अपने क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका मुख्य मिशन वैश्विक स्तर पर सुधार और तत्परता लाना है। उनके अनुसार, यह महान…
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आयतुल्लाह जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामआलिम बनना पहला कदम है, मंज़िल या लक्ष्य नहीं / वास्तविक महत्व "इल्म से मालूम" की ओर हिजरत और हरकत की है
हौज़ा / दर्स पढ़ना और आलिम या आलाम या अधिक ज्ञानी बन जाना केवल एक छोटा पलायन और छोटा जिहाद है, क्योंकि व्यक्ति केवल अवधारणाओं और किताबी ज्ञान की सीमा तक आगे बढ़ता है। इससे ऊपर का चरण मध्यम पलायन…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामईरान ने सबसे कठिन परिस्थितियों में भी अपनी महानता साबित की है
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमली ने कहा कि ईरान की महानता उसके इतिहास, संस्कृति और मौलिकता में छिपी हुई है यह वही राष्ट्र है जिसने आठ साल के युद्ध को सहन किया और सबसे बुरी परिस्थितियों…
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उलेमा और मराजा ए इकरामआयतुल्लाह जवादी आमोली: आस्ताना ए हरम को चूमना ज़ाएरीन के शिष्टाचार का हिस्सा है
हौज़ा / इस्लामी रिवायतो में अहले-बैत (अ) की दरगाह की ज़ियारत के लिए कई शिष्टाचार और अनुशंसित कार्यों का वर्णन किया गया है। आयतुल्लाह जवादी आमोली ने सबसे महत्वपूर्ण शिष्टाचारों में से एक, अर्थात्…
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आयतुल्लाह जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामनेजात का रास्ता अहले-बैत (अ) के साथ रहने में है, न आगे न पीछे
हौज़ा / आयतुल्लाह जवादी आमोली (द ज) ने इमाम सज्जाद (अ) की हदीस का हवाला देते हुए इस बात पर ज़ोर दिया है कि मुक्ति और सच्ची मंज़िल तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता अहले-बैत (अ) के साथ रहना, उनके साथ…
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उलेमा और मराजा ए इकरामआयतुल्लाह नईमाबादी के निधन पर आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली का शोक संदेश
हौज़ा / आयतुल्लाह ग़ुलाम अली नईमाबादी के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए आयतुल्लाह जवादी आमुली ने मराजय इकराम और दीनी विद्यार्थियों की सेवा में शोक संदेश भेजा हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामदीन के प्रचार के लिए नेक काम ज़रूरी हैं
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा: हमारे पास प्रचार के साधनों और प्रमाणों की कोई कमी नहीं है। अगर, अल्लाह न करे, हम प्रचार में ढिलाई बरतें, तो यह हमारी लापरवाही या गलती का संकेत है।
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उलेमा और मराजा ए इकरामहमने खून देकर उमावीयो के नाम को ज़िंदा रहने से रोक दिया
हौज़ा / इमाम सज्जाद (अ) ने फ़रमाया: हमने पैगम्बर (स) के नाम को पुनर्जीवित करने का बेड़ा उठाया और हम इस लक्ष्य में सफल हुए। दुश्मन चाहता था कि पैगम्बरों और औलिया के नामों की जगह उमावीयो का नाम…
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धार्मिकरोज़े आशूरा के आमाल
हौज़ा / रोज़े आशूर मोहम्मद और आले मोहम्मद के लिए मुसीबत का दिन है।
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उलेमा और मराजा ए इकरामहमारा वतन हमारी रूह है: आयतुल्लाहिल उज्मा जवादी आमोली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने इमाम हुसैन (अ) की हदीस के प्रकाश में मृत्यु और मानव यात्रा के सही अर्थ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का असली घर वह स्थान है जहां से वह आया…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामएकता और सामंजस्य सफलता का सबसे महत्वपूर्ण रहस्य हैं
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने अपनी किताब में लिखा है,उम्माते मुस्लिम , विशेष रूप से ईरानी राष्ट्र का ध्यान एकता, सद्भाव और सामंजस्य के महत्व की ओर आकर्षित किया है तथा इस बात…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
उलेमा और मराजा ए इकरामआज की ख़ामोशी ख़ियानत और ग़द्दारी है/ इस्राइल इस्लाम का दुश्मन है
हौज़ा / आयतुल्लाह जवादी आमोली ने कहा, इस्लामी देशों के नेताओं को अगर आज इस आंदोलन की मदद नहीं पहुँचानी, तो कल वे खुद भी इसी सरकार के चंगुल में फँस जाएँगे उनकी आज की बेहिसी पर कोई गारंटी नहीं…
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उलेमा और मराजा ए इकरामआयतुल्लाह जवादी आमोली ने कठोर बदला लेने का आह्वान किया / पत्थर को वहीं फेंको जहां से वह आया था
हौज़ा/ हज़रत आयतुल्लाह जवादी आमोली ने ज़ायोनी शासन से कठोर बदला लेने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा: मौला ए ग़दीर अमीरुल मोमेनीन (अ) के आदेश का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है, जिन्होंने कहा:…
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धार्मिकक्या विलायत को बिना ग़दीर के समझा जा सकता है?
हौज़ा / इमाम हादी (अ) की ज़ियारत ए जामेआ मे अहले-बैत (अ) को फरिश्तों की तरह बड़े सम्मान से नवाज़ा गया है। इमाम रज़ा (अ) ने ईरान में प्रवेश करते ही इमामत के गहरे मतलब को समझाया और कहा कि इमाम…