हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे की मांग को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई अधीनस्थ अदालत के आदेश की वैधता की चुनौती में दाखिल निगरानी याचिका की अगली सुनवाई अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में 15 अप्रैल को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में 17 फरवरी को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर सुनवाई नहीं हो सकी थी। अगली सुनवाई के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है इसे ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट में सुनवाई की तिथि 15 अप्रैल निर्धारित की गई है। याचिका की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ कर रही है।
याची राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अनुसार, कोर्ट में सोमवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में सुनवाई करेगा।
याची अधिवक्ता का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर 2024 को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 की वैधता को लेकर हुई सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश से अदालतों को सर्वेक्षण संबंधी निर्देश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश देने से रोक दिया था।
राखी सिंह की सिविल पुनरीक्षण याचिका के साथ समान राहत की मांग करने वाली ज्ञानवापी से संबंधित एक और याचिका 1991 के स्वयंभू लार्ड आदि विशेश्वर की एक साथ सुनवाई हो रही है। हाई कोर्ट ने गत 18 दिसंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख 17 फरवरी ध्यान में रखते हुए अपने यहां 24 फरवरी की तारीख तय की थी।
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