۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
मस्जिद

हौज़ा/ज्ञानवापी मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी हैं,कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को सुनवाई के योग्य माना है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी केस की पोषणीयता बरकरार रखते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य माना है अदालत के फैसले से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा हैं क्योंकि कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया हैं।

ज्ञानवापी पर आज सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश का मतलब साफ है कि पहले ज़िला जज और अब सिविल जज दोनों ने इस मामले की सुनवाई को 1991 के पूजा स्थल विधेयक का उल्लंघन नहीं माना है और यह हिंदू पक्ष की याचिका वाराणसी की अदालत में चलता रहेगा,


याचिका में हिंदू पक्ष ने गुहार लगाई थी कि तत्काल प्रभाव से ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू कराई जाए और परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए जाए. सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट ने कहा, यह याचिका सुनवाई योग्य है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 2 दिसंबर तय की हैं।


ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश निषेध, परिसर हिंदुओं को सौंपने के साथ ही परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित तौर पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने का अनुरोध किया गया


इससे पहले, इसी साल मई में दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराया गया था. इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति पाई गई थी. हिन्दू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताया था
दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने इसे फौव्वारा बताते हुए दलील दी थी कि मुगलकालीन इमारतों में ऐसे फौव्वारे का मिलना आम बात हैं।

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