۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
مولانا ارشد مدنی

हौज़ा/मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर आया कोर्ट का फैसला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर आया कोर्ट का फैसला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ है यह कानून 18 सितंबर 1991 को सदन में पास हुआ था।

उन्होंने कहा कि सदन में पास हुए कानून के मुताबिक, 15 अगस्त 1945 यानी देश के आजाद होने के समय धार्मिक स्थलों की देशभर में जो हैसियत है, उसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

मदनी ने कहा कि अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया था। क्योंकि उसका मुकदमा पहले से ही विभिन्न अदालतों में विचाराधीन था प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 कानून को बचाए रखने के लिए जमीयत उलमा पिछले करीब ढाई वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुका है जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया था।

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