रविवार 2 मार्च 2025 - 16:12
इज़रायल को ग़ाज़ा में सैन्य उपस्थिति नहीं रखनी चाहिएः संयुक्त राष्ट्र

हौज़ा / संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को ग़ाज़ा में युद्ध विराम समझौते और बंदियों की रिहाई को जारी रखने पर ज़ोर देते हुए कहा कि आने वाले दिन बेहद अहम हैं। उन्होंने सभी पक्षों से अपील की है वे किसी भी हालत में समझौते को न टूटने दें और अपने सभी वादों को पूरी तरह से लागू करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को ग़ाज़ा में युद्ध विराम समझौते और बंदियों की रिहाई को जारी रखने पर ज़ोर देते हुए कहा कि आने वाले दिन बेहद अहम हैं। उन्होंने सभी पक्षों से अपील की है वे किसी भी हालत में समझौते को न टूटने दें और अपने सभी वादों को पूरी तरह से लागू करें।गुटेरेस ने इज़रायल को आगाह किया कि उसे ग़ाज़ा में किसी भी प्रकार की दीर्घकालिक सैन्य उपस्थिति नहीं रखनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि ग़ाज़ा को एक संप्रभु स्वतंत्र और लोकतांत्रिक फ़िलिस्तीन के अभिन्न हिस्से के रूप में रहना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ग़ाज़ा और वेस्ट बैंक जिसमें पूर्वी यरूशलम भी शामिल है को एक संयुक्त राजनीतिक इकाई के रूप में फ़िलिस्तीनी सरकार के अधीन होना चाहिए।

उनका यह बयान इज़रायली सरकार की उन नीतियों के खिलाफ जाता है जिनमें फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों को अलग थलग करने और पश्चिमी तट पर अवैध बस्तियों का विस्तार करने पर ज़ोर दिया गया है।

गुटेरेस ने पश्चिमी तट में इज़रायली सरकार द्वारा की जा रही एकतरफ़ा कार्रवाई जिसमें अवैध यहूदी बस्तियों का विस्तार और इस क्षेत्र को इज़रायली राज्य में मिलाने की धमकियाँ शामिल हैं पर गंभीर चिंता व्यक्त की उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसी कार्रवाइयों को रोका जाना चाहिए क्योंकि वे न केवल अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन करती हैं,

गुटेरेस ने कहा कि फ़िलिस्तीनी जनता को अपने भविष्य का फैसला ख़ुद करने और अपनी ज़मीन पर स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ जीवन बिताने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ग़ाज़ा में संघर्ष दोबारा शुरू होता है तो इससे केवल क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ेगी और निर्दोष लोगों को और अधिक पीड़ा झेलनी पड़ेगी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण के लिए एक स्थायी योजना की ज़रूरत है, जो पूरी तरह से संगठित, समन्वित और दीर्घकालिक हो उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ग़ाज़ा संकट का समाधान केवल युद्ध-विराम से नहीं होगा बल्कि इसके लिए एक स्पष्ट, न्यायसंगत और सिद्धांत-आधारित राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है जिससे वहाँ के लोग एक स्थायी और सुरक्षित जीवन जी सकें।

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