हौज़ा न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह रिवायत "बिहार उल अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله:
شَهرُ رَمَضانَ شَهرُ اللّه عَزَّوَجَلَّ وَ هُوَ شَهرٌ یُضاعِفُ اللّه فیهِ الحَسَناتِ وَ یَمحو فیهِ السَّیِّئاتِ وَ هُوَ شَهرُ البَرَکَةِ.
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
रमज़ान उल मुबारक का महीना अल्लाह का महीना है। इस महीने में नेकियों का सवाब दोगुना कर दिया जाता है, गुनाहों की माफी मिल जाती है और यह महीना रहमतों और बरकतों का महीना है।
बिहार उल अनवार, भाग 96, पेज 340, हदीस 5
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