हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , मंडेला/महान अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी और दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता नेल्सन मंडेला के पोते जिन्होंने देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था।
उन्होने शहीदों के जनाजे की भव्य रस्म में भाग लेते हुए बयान दिया उन्होंने बेरूत में इस्लामी उम्मत के शहीदों शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह और सैयद हाशिम सफीउद्दीन के जनाजे के अवसर पर कहा कि इज़राईल सैयद हसन नसरुल्लाह को शहीद कर दिया लेकिन उनके विचार उन सभी संघर्षरत लोगों के बीच जीवित रहेंगे, जो दुनिया भर में स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं। जैसे कि हम दक्षिण अफ्रीका में कहते हैं वह मरे नहीं हैं, बल्कि कई गुना बढ़ गए हैं।
शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह केवल हिज़्बुल्लाह के महासचिव नहीं थे बल्कि वे अरबों, फ़ारसियों, गोरों, काले लोगों और दुनिया भर के सभी उत्पीड़ितों के नेता थे।वह साम्राज्यवाद और वैश्विक दमनकारी शक्तियों के खिलाफ एक ऐतिहासिक नेता थे और हर स्वतंत्रता सेनानी के लिए एक प्रतीक और आदर्श बन गए।
उन्होंने आगे कहा,हम दक्षिणी दुनिया के सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के समर्थन में साहसिक रुख अपनाएं। सभी को शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की वीरता से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने बिना किसी भय के अपने रास्ते पर दृढ़ता से क़दम बढ़ाए
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