हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , सांस्कृतिक क्रांति परिषद के सदस्य उस्ताद रशाद ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की चालीसवीं बरसी के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "जबल ए आमिल" में बातचीत के दौरान हज़रत ज़ैनब स.ल. के यौम-ए-पौदईस की बधाई देते हुए कहा,हज़रत ज़ैनब स.ल. प्रतिरोध धैर्य और हज़रत अमीरुल मोमिनीन अ.स के अस्तित्व की महानता की प्रतीक थीं।
उन्होंने प्रतिरोध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, हम महान मुजाहिद सैयद हसन नसरुल्लाह, सैयद हाशिम सफीउद्दीन, शहीद सनवार, इस्माइल हनिया, शहीद सुलैमानी, अबू महंदीस और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
उस्ताद रशाद ने आगे कहा, सैयद प्रतिरोध की सबसे बड़ी चिंता संस्कृति, आध्यात्मिकता, और ज्ञान व प्रगति से जुड़े हुए मुद्दे थे और वे हमेशा इन विषयों को महत्व देते थे।
उन्होंने कहा, हमने उनसे कई बार मुलाकात की यहां तक कि जब हम सर्वोच्च नेता के सामने उपस्थित हुए या कई बार विभिन्न बैठकों में उनसे विस्तृत बातचीत की तो हर बार वे अपनी बातों के दौरान विशेषकर अपने साथियों की आध्यात्मिक, बौद्धिक और नैतिक शक्ति के बारे में चिंतित रहते थे और हर कार्य को कुर्बत ए इलल्लाह और खालिसन लिल्लाह होने की दुआ करते थे।
तेहरान हौज़ा ए इल्मिया परिषद के प्रमुख ने कहा, हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हमें इन चमकते सितारों की तरह स्वतंत्रता, आध्यात्मिकता, ज्ञान और संघर्ष के मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करे।
उन्होंने इस आध्यात्मिक और ज्ञानवर्धक सभा के आयोजन के लिए आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा हम उन स्वतंत्र देशों के दूतों का भी स्वागत करते हैं, जो धर्म और राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर सत्य, स्वतंत्रता और अत्याचार के खिलाफ प्रतिरोध के मोर्चे में शामिल हुए हैं।