शुक्रवार 28 मार्च 2025 - 04:07
उत्पीड़ितों की रक्षा करना प्रत्येक मुसलमान पर वाजिब है

हौज़ा/ पैगम्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में उत्पीड़ितों की रक्षा के महत्व की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "उसुल काफी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:

مَنْ سَمِعَ رَجُلاً ینادی یا لَلْمُسْلِمینْ فَلَمْ یجِبْهُ فَلَیسَ بِمُسْلِم

पैगम्बर (स) ने फ़रमाया:

जो व्यक्ति मुसलमानों से मदद की गुहार लगाते हुए उत्पीड़ितों की आवाज सुनता है और उनकी सहायता के लिए नहीं जाता, वह मुसलमान ही नहीं है।

उसूल अल-काफ़ी, भाग 2, पेज 164

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