हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,अंतरराष्ट्रीय शाखा की रिपोर्ट के अनुसार, अंसारुल्लाह यमन के नेता सैयद अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा कि इमाम खुमैनी (रह.) ने रमजान के अंतिम शुक्रवार को यौम अलकुद्स के रूप में निर्धारित किया, ताकि यह दिन इस्लामी उम्मत को उनके पवित्र स्थलों और मज़लूम फिलिस्तीनी जनता के प्रति उनकी ज़िम्मेदारियों की याद दिला सके।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष का यौम अल-कुद्स अभूतपूर्व घटनाओं के साथ मेल खा रहा है।इसके अलावा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामी गणराज्य ईरान हमेशा फिलिस्तीनी राष्ट्र और प्रतिरोध आंदोलन का समर्थन करता रहा है और इस संघर्ष में उसकी केंद्रीय भूमिका है।
अंसारुल्लाह के नेता ने यमन की जनता के समर्थन को दोहराते हुए कहा कि यमनी जनता और सेना फिलिस्तीनी प्रतिरोध के साथ खड़ी रहेगी और ज़ायोनी शासन (इस्राइल) के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों को तब तक जारी रखेगी जब तक कि गाजा पर आक्रमण और उसकी नाकाबंदी पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती।
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