मंगलवार 8 अप्रैल 2025 - 09:40
कट्टरता से बचना और संतुलित व समझदारी भरा व्यवहार अपनाना आपसी सहयोग के साधन प्रदान करता है

हौज़ा / आयतुल्लाह मुदर्रेसी ने अहलेबैत अ.स. के मक़तब की तरवीज में हिकमत,समझदारी और एतिदाल (संतुलन) की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,इराक के प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मद तकी मुदर्रेसी ने सेनेगल के शिया शोधकर्ता और बुद्धिजीवी सैय्यद मोहम्मद अली हैदर से अपने करबला-ए-मुअल्ला स्थित दफ्तर में मुलाक़ात के दौरान कहा कि मक्तब-ए-अहलेबैत (अ.स.) की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार में हिकमत (समझदारी) और एतिदाल (संतुलित तरीका) अपनाना बहुत ज़रूरी है।

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस्लामी एकता को बढ़ावा देना चाहिए और अतिवाद (कट्टरता) से बचना चाहिए।उन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप में इस्लाम के शुरुआती दौर से लेकर आज तक अहलेबैत (अ.स.) की नस्ल और सादात के ऐतिहासिक योगदान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उनकी कोशिशों से ही असली मोहम्मदी इस्लाम (स.अ.) का प्रचार हुआ है।

आयतुल्लाह मुदर्रेसी ने कहा कि इस्लामी शिक्षाओं को फैलाने के लिए आज के दौर में मौजूद अवसर बहुत महत्वपूर्ण हैं। आज का इंसान सच्चे इस्लाम की रोशनी और हिदायत का पहले से ज़्यादा ज़रूरतमंद है ताकि वह अज्ञानता और गुमराही के अंधेरे से निकल सके।

उन्होंने मुसलमानों के बीच एकता की अहमियत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि दीन की तालीमात और प्रचार में कट्टरता से परहेज़ और समझदारी व संतुलित व्यवहार अपनाना ही उम्मत-ए-इस्लामी के लोगों के बीच हमदर्दी, एकता और आपसी सहयोग का कारण बनता है।

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