मंगलवार 15 अप्रैल 2025 - 12:27
अम्र बिल मअरूफ़ और नही अनिल मुनकर की टीमों में नौजवानों की क्षमता का उपयोग किया जाए

हौज़ा / बुशहर मे वली ए फ़क़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ग़ुलामअली सफ़ाई बुशहरी ने आज दोपहर बुशहर के अम्र बिल मअरूफ़ व नही अनिल मुनकर के अनुयायियों की सभा में कहा,इस्लामी समाज में अच्छाई फैलाने और बुराई को रोकने के लिए हमें नौजवानों,किशोरों और छात्रों की ऊर्जा और क्षमता का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बुशहर मे वली ए फ़क़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ग़ुलामअली सफ़ाई बुशहरी ने आज दोपहर बुशहर के अम्र बिल मअरूफ़ व नही अनिल मुनकर के अनुयायियों की सभा में कहा,इस्लामी समाज में अच्छाई फैलाने और बुराई को रोकने के लिए हमें नौजवानों,किशोरों और छात्रों की ऊर्जा और क्षमता का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने इस संगठन के रमज़ान और नौरोज़ के दौरान किए गए प्रयासों की तारीफ़ करते हुए कहा कि,हमारी जनभागीदारी से एक क़ुरआनी और सांस्कृतिक तट का निर्माण हुआ हालांकि कुछ पर्यटकों की उपस्थिति ने विशेष परिस्थितियाँ पैदा कर दी थीं जो प्रांतीय नियंत्रण से बाहर थीं।

उन्होंने कहा,हमारा ध्यान अक्सर बुराई से रोकने पर केंद्रित होता है, जबकि अच्छाई का आदेश देना जो अच्छे कार्यों के प्रचार के साथ-साथ बुराई से भी रोकता है उस पर ध्यान कम दिया जाता है।

हुज्जतुल इस्लाम सफ़ाई बुशहरी ने ज़ोर देकर कहा,आज का असली मैदान मीडिया है। विचारों पर नियंत्रण अब मीडिया के हाथ में है इसलिए जो भी गतिविधियाँ इस संगठन द्वारा की जा रही हैं, उन्हें मीडिया कवरेज के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए।उन्होंने चेतावनी दी,अगर हम अपने नौजवानों के लिए सकारात्मक, मूल्यपरक योजनाएं नहीं बनाएंगे, तो दुश्मन उनके लिए नकारात्मक और बे अरज़िश (बेमूल्य) प्रोग्राम तैयार करेगा।

उन्होंने यह भी कहा,हमारे मूल्यनिष्ठ और इंकलाबी लोग अच्छे काम कर रहे हैं, लेकिन उन कार्यों की मीडिया में सही तस्वीर पेश नहीं की जा रही है जबकि दुश्मन का सारा ध्यान मीडिया पर है।हुज्जतुल इस्लाम सफ़ाई ने कहा,हर व्यक्ति को अपने-अपने क्षेत्र में, क़ानून की जानकारी और उद्देश्य को पहचानते हुए जिहादी अंदाज़ में सक्रिय रहना चाहिए।

उन्होंने अंत में कहा,हमें देश की स्थिति को रहबर-ए-मुअज़्ज़म (मजलिस लीडर) की सोच जो कि सुकून और तरक्की की ओर ले जाती हैके अनुसार आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने ज़ोर दिया,विलायत (नेतृत्व) की छाया में ही हम अपने इस्लामी मूल्यों और धार्मिक पहचान को बचा सकते हैं। रहबर की बातें ही हमारे लिए असली राजनीतिक मापदंड हैं, किसी और की नहीं।

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