शनिवार 19 अप्रैल 2025 - 22:23
आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाकिर मूसवी के निधन पर भारत में सर्वोच्च नेता के पूर्व प्रतिनिधि ने शोक व्यक्त किया

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाकिर मूसवी के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ यह महान आध्यात्मिक नेता जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित थे। वह विद्वता के क्षेत्र में उच्च स्थान रखते थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की प्रख्यात धार्मिक एवं आध्यात्मिक शख्सियत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाकिर मूसवी के निधन पर भारत में सर्वोच्च नेता के पूर्व प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मेहदी मेहदवीपुर ने गहरा शोक व्यक्त किया है और शोक संदेश जारी करते हुए दिवंगत की धार्मिक, शैक्षणिक और क्रांतिकारी सेवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की है। 
शोक संदेश कुछ इस प्रकार है

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन

धार्मिक जगत की महान हस्ती हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाकिर मूसवी के निधन की खबर सुनकर मन गहरे दुख से भर गया। यह महान आध्यात्मिक नेता जम्मू-कश्मीर के सम्मानित लोगों के बीच अत्यंत प्रिय और समादृत थे।

वह विद्वता के क्षेत्र में उच्च स्थान रखते थे। नजफ अशरफ और क़ुम के महान धार्मिक नेताओं के सान्निध्य में शिक्षा पूरी करने के बाद, वे कश्मीर लौट आए। उन्होंने धार्मिक शिक्षा के प्रसार, अहले बैत (अ.स.) के मकतब के प्रचार, अनेक पुस्तकों की रचना और बड़ी संख्या में शिष्यों के प्रशिक्षण में सफलता प्राप्त की।

कश्मीर के युवा उनके ज्ञानवर्धक व्याख्यानों से लाभान्वित होते थे। दिवंगत उदार चरित्र, विनम्रता और सादगी जैसे गुणों से संपन्न थे और उनके शोध कार्य सराहनीय हैं। वह बडगाम में मूसवी परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य थे और लोग धार्मिक मामलों व विवादों के समाधान के लिए उनसे संपर्क करते थे। 

मुझे उनके साथ मित्रता और संबंध का सौभाग्य प्राप्त था। मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मैं उनके अंतिम संस्कार और शोक सभाओं में शामिल होकर उनके परिवार, कश्मीर के मोमिनीन और मूसवी परिवार के सदस्यों के सामने व्यक्तिगत रूप से शोक व्यक्त करूँ, लेकिन इस समय मैं ईरान में हूँ और वहां पहुंचना संभव नहीं है।

दिवंगत ईरान की इस्लामी क्रांति, इमाम ख़ुमैनी (र.अ.) और सर्वोच्च नेता (ह.म.ज़.) के समर्थक थे और उनके विचारों को फैलाने में सक्रिय थे। उन्होंने कई उपयोगी पुस्तकें लिखी हैं, जिनका अध्ययन करना आवश्यक है। 

अतःमें मैं अल्लाह ताला से दुआ करता हूं कि परिवार वालों को सब्र आता करें और मरहूम की मग़फिरत करें और उन्हें जवारे अहलेबैत अ.स. में जगह करार दें।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha