बुधवार 30 अप्रैल 2025 - 16:26
हौज़ा इल्मिया क़ुम की मीडिया गतिविधियों के 100 वर्षों का जायज़ा

हौज़ा / हौज़ा इल्मिया क़ुम की स्थापना के सौ साल पूरे होने के अवसर पर एक भव्य शैक्षिक और शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हौज़ा और विश्वविद्यालयों के विद्वान भाग ले रहे हैं।इस सिलसिले में मीडिया समिति की गतिविधियों पर आधारित एक रिपोर्ट हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन बरतेह द्वारा प्रस्तुत की गई है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा इल्मिया क़ुम की स्थापना के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक भव्य शैक्षिक और शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हौज़ा और विश्वविद्यालयों के विद्वान भाग ले रहे हैं।

इसी सिलसिले में मीडिया समिति की गतिविधियों पर आधारित एक रिपोर्ट हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन बरतेह ने प्रस्तुत की।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन बरतेह ने बताया कि सम्मेलन की मीडिया समिति ने सबसे पहले एक वैज्ञानिक परिषद (इल्मी काउंसिल) गठित की, जिसमें प्रतिष्ठित विद्वानों को शामिल किया गया। इस परिषद ने तीन मूल बिंदुओं पर शोध रूपरेखा तैयार की।

संरचनात्मक मूल्यांकन:
मदरसे और मीडिया के बीच संस्थागत संबंधों का अध्ययन।

ऐतिहासिक विश्लेषण:
बीते सौ वर्षों में हौज़ा की मीडिया में भूमिका का इतिहास।

शोध प्रवृत्तियां:
आधुनिक संचार माध्यमों की दृष्टि से हौज़ा की शोध गतिविधियाँ।

दूसरा चरण:घटनाक्रम अध्ययन या Chronological Study था, जिसमें एक सदी के मीडिया कार्यों का कालानुक्रमिक विश्लेषण किया गया,प्रारंभिक मुद्रित मीडिया (जर्नल, पत्रिकाएं) से लेकर आधुनिक युग के रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया और यहां तक कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे माध्यमों का भी मूल्यांकन किया गया।

तीसरा चरण, नवाचार पर आधारित शोध रिपोर्टों पर केंद्रित था। इस खंड में कई प्रमुख विषयों पर आलेख प्रस्तुत किए गए, जिनमें विशेष रूप से निम्नलिखित शामिल हैं।

रसाना दारि हौज़वियान (हौज़ा का मीडिया किरदार)डॉ. अकबरी द्वारा शोध।

मीडिया में हौज़ा और धर्मगुरुओं की छवि जनाब वाअज़ी की प्रस्तुति।

मिंबर का मीडिया विश्लेषण इसे पारंपरिक धार्मिक मीडिया के रूप में जनाब हुसैनी ने प्रस्तुत किया।

राष्ट्रीय मीडिया में हौज़ा की भूमिका डॉ. जलाली और तूबाई द्वारा, जिसमें बीते सौ सालों में धार्मिक उपस्थिति के प्रकारों का अध्ययन किया गया।

मीडिया में हौज़ा की बातचीत और सहभागिता जनाब मुहक्क़ी की रिपोर्ट।
नबरदे रिवायत-हा (नैरेटिव की जंग और हौज़ा की भागीदारी) जनाब पेशाहंग की रिपोर्ट।

इमाम खुमैनी र.ह.को इस शोध में एक क्रांतिकारी मीडिया व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत किया गया।उनकी कैसेट क्रांति को एक प्रभावशाली मीडिया आंदोलन माना गया, जिसे डॉ. जलाली ने विस्तृत रूप में वर्णित किया।

इसके अतिरिक्त, हौज़ा और अन्य मीडिया संस्थानों के संस्थागत सहयोग पर भी शोध हुआ, जिस पर जनाब इब्राहीमी ने अपना लेख प्रस्तुत किया।

मीडिया गतिविधियों की वार्षिक समीक्षा जनाब हुसैनी हरंदी द्वारा की गई, और अंत में नवाचारों पर आधारित संपूर्ण शोध सारांश डॉ. जलाली ने प्रस्तुत किया।

अंत में, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन बरतेह ने सभी प्रतिभागियों के लिए जुआ की और उनकी शैक्षणिक सफलता की कामना की।

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