गुरुवार 1 मई 2025 - 18:46
राजनयिक ताक़त सैन्य प्रतिरोध की उपज है

हौज़ा / पूर्वी अज़रबैजान में वली-ए-फकीह के प्रतिनिधि और तबरीज़ के इमामे जुमा हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन मुतहरी अस्ल ने कहा है कि देश की सैन्य ताक़त राष्ट्रीय गरिमा का मुख्य स्तंभ है आज हमारे विदेश मंत्री मजबूती और आत्मविश्वास के साथ हमारे देश के रुख़ का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बचाव करते हैं, तो यह ताक़त हमारी सशस्त्र सेनाओं की प्रतिरोधक क्षमता का नतीजा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,पूर्वी अज़रबैजान में वली-ए-फकीह के प्रतिनिधि और तबरीज़ के इमामे-जुमा हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन मुतहरी-अस्ल ने कहा है कि देश की सैन्य ताक़त राष्ट्रीय गरिमा का मुख्य स्तंभ है। उन्होंने कहा, "यदि आज हमारे विदेश मंत्री मजबूती और आत्मविश्वास के साथ हमारे देश के रुख़ का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बचाव करते हैं, तो यह ताक़त हमारी सशस्त्र सेनाओं की प्रतिरोधक क्षमता का नतीजा है।

उन्होंने शहीदों की ऊँची रूहानी हैसियत को सलाम करते हुए कहा,शहीद 'वज्हुल्लाह' का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं और इस कारण वे जीवित हैं और सच्चे जीवन से लाभान्वित हो रहे हैं।

आगे उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा,आज यदि दुश्मन वार्ता की बात कर रहा है तो यह उनकी मजबूरी है क्योंकि वे जानते हैं कि किसी भी प्रकार की आक्रामकता या धमकी के जवाब में इस्लामी गणराज्य ईरान की सेनाएँ तेज़, कठोर और निर्णायक प्रतिक्रिया देंगी।

मुतहरी अस्ल ने यह भी कहा कि अमेरिका और अन्य वर्चस्ववादी ताक़तों की समस्या केवल 'इस्लामी गणराज्य' नहीं है, बल्कि वे समग्र 'ईरानी पहचान और अस्तित्व' के खिलाफ़ हैं और वे स्वयं कई बार इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं।

अपने भाषण में उन्होंने कहा कि इस्लामी गणराज्य की सशस्त्र सेनाओं के लिए सबसे बड़ा सम्मान वली-ए-फकीह के नेतृत्व का पालन करना है, और यही आज़ादी, प्रतिष्ठा और एकता की कुंजी है।

अंत में उन्होंने शहीद जनरल हसन शफीअज़ादेह का उल्लेख करते हुए कहा वे इस्लाम और ईरान के सबसे महान कमांडरों में से एक थे, जिन्होंने ईमानदारी और जिहादी भावना के साथ पवित्र रक्षा में निर्णायक भूमिका निभाई।

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