सोमवार 27 अक्तूबर 2025 - 07:55
बीमारों की मदद करने का अज्र और सवाब

हौज़ा/ पैग़म्बर (स) ने इस हदीस में बीमारों की सेवा करने और उनकी ज़रूरतें पूरी करने के अज़ीम सवाब का वर्णन किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मन ला यहज़ुर अल-फ़कीह" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول اللہ صلی اللہ عليه وآله:

مَن سَعى لِمَريضٍ في حاجَةٍ قَضاها أو لَم يَقضِها، خَرَجَ مِن ذُنوبِهِ كَيَومٍ وَلَدَتْهُ اُمُّهُ

पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:

जो कोई बीमार व्यक्ति की ज़रूरतें पूरी करता है, चाहे वह उन्हें पूरा करने में सफल हो या न हो, वह अपने पापों से उसी तरह मुक्त हो जाएगा जैसे उस दिन जब उसकी माँ ने उसे जन्म दिया था।

मन ला यहज़ुर अल फ़क़ीह, भाग 4, पेज 16

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