हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मन ला यहज़ुर अल-फ़कीह" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ عليه وآله:
مَن سَعى لِمَريضٍ في حاجَةٍ قَضاها أو لَم يَقضِها، خَرَجَ مِن ذُنوبِهِ كَيَومٍ وَلَدَتْهُ اُمُّهُ
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
जो कोई बीमार व्यक्ति की ज़रूरतें पूरी करता है, चाहे वह उन्हें पूरा करने में सफल हो या न हो, वह अपने पापों से उसी तरह मुक्त हो जाएगा जैसे उस दिन जब उसकी माँ ने उसे जन्म दिया था।
मन ला यहज़ुर अल फ़क़ीह, भाग 4, पेज 16
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