हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , युद्ध के दौरान दुश्मनों और काफ़िरों से लड़ने के लिए कुरान के सिद्धांत बहुत सुंदर और मार्गदर्शक हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
दृढ़ता:
अल्लाह तआला से दुआ करना:
रबहर दीनी कि अताअत:
सूरह इन्फाल:
سوره انفال:
یَا أَیُّهَا الَّذِینَ آمَنُوا إِذَا لَقِیتُمْ فِئَةً فَاثْبُتُوا وَ اذْکُرُوا اللَّهَ کَثِیرًا لَعَلَّکُمْ تُفْلِحُونَ(٤٥) وَ أَطِیعُوا اللَّهَ وَ رَسُولَهُ وَ لَا تَنَازَعُوا فَتَفْشَلُوا وَ تَذْهَبَ رِیحُکُمْ وَ اصْبِرُوا إِنَّ اللَّهَ مَعَ الصَّابِرِینَ(٤٦)
ऐ ईमान वालो! जब तुम किसी गिरोह से भिड़ जाओ तो डटे रहो और अल्लाह को खूब याद करो, ताकि तुम सफल हो सको (45) और अल्लाह और उसके रसूल के हुक्म का पालन करो और आपस में झगड़ो मत, नहीं तो तुम कायर हो जाओगे और तुम्हारा भाग्य नष्ट हो जाएगा। और धैर्य रखो। निस्संदेह अल्लाह धैर्यवानों का सहायक है। (46)
جہاد میں توحید:
فَلَمْ تَقْتُلُوهُمْ وَلَٰکِنَّ اللَّهَ قَتَلَهُمْ ۚ وَمَا رَمَیْتَ إِذْ رَمَیْتَ وَلَٰکِنَّ اللَّهَ رَمَیٰ ۚ وَلِیُبْلِیَ الْمُؤْمِنِینَ مِنْهُ بَلَاءً حَسَنًا ۚ إِنَّ اللَّهَ سَمِیعٌ عَلِیمٌ (انفال ۱۷)
तुमने उन्हें नहीं कत्ल किया बल्कि अल्लाह ने उन्हें कत्ल किया और जब तुमने पत्थर फेंके, तो वे तुम नहीं थे जिन्होंने उन्हें मारा, बल्कि अल्लाह ने उन्हें फेंका। ताकि वह अपने (अनुग्रहों) से ईमान वालों की परीक्षा ले। निस्संदेह अल्लाह सुनने वाला जानने वाला है।
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