हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी ने ईरान पर हुए सियोनिस्ट हमले और उसमें शहीद हुए लोगों, विशेष रूप से परमाणु वैज्ञानिक सैयद अमीर हुसैन फ़क़ीही के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की हैं।
आयतुल्लाह वहीद खुरासानी के बड़े पुत्र ने शहीद सैयद अमीर हुसैन फ़क़ीही के घर जाकर अपने पिता का संदेश उनके परिवार तक पहुँचाया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।
उन्होंने कहा,जिस व्यक्ति का अन्यायपूर्वक कत्ल किया जाता है, उसके सारे पाप कातिल के सिर पर आ जाते हैं, और वह व्यक्ति पवित्र अवस्था में इस दुनिया से जाता है जो व्यक्ति अल्लाह के धर्म और कौम की सेवा करते हुए शहीद हो जाता है वह इमामों (अ.स.) के साथ उठाया जाएगा।
उन्होंने कुरान की आयतों का हवाला देते हुए शहीदों के परिवारों को सांत्वना दी और कहा,जब भी दिल में दुख हो तो तुरंत 'इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन' (हम अल्लाह के हैं और उसी की ओर लौटने वाले हैं) पढ़ें, क्योंकि अल्लाह ने इस पर तीन इनामों का वादा किया है।
1.उन पर उनके रब की तरफ से दरूद और रहमत होती है।
2.'विशेष दया'
3. 'और वही सही मार्ग पाने वाले हैं।
आयतुल्लाह वहीद खुरासानी के पुत्र ने आगे कहा,हम सभी को विशेष रूप से आप दुखी परिवारों को, प्रार्थना करनी चाहिए कि अल्लाह इन घटनाओं को इस्लाम, मुसलमानों और अहल-ए-बैत (अ.स.) के लाभ और काफिरों की हार पर समाप्त करे। क्योंकि हदीस में है मैं टूटे हुए दिलों के नज़दीक होता हूँ।
अंत में, उन्होंने सभी ईमान वालों से अपील की कि वे इस्लाम के दुश्मनों के विनाश और इस्लाम की विजय के लिए प्रार्थना करें, क्योंकि यही प्रार्थना मज़लूम का सबसे शक्तिशाली हथियार है।
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