हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी ने आज हज के दौरान उपदेशात्मक कर्तव्यों का पालन करने वाले विद्वानों के साथ एक बैठक में कहा कि हज कोई साधारण यात्रा नहीं है, यह अल्लाह के घर की ओर एक यात्रा है। बैतुल्लाह अल-हराम के आगंतुक अल्लाह के विशेष अतिथि हैं।
उन्होंने हाजियो का मार्गदर्शन करने और हज के नियमों को समझाने में सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया, और कहा कि उन्हें परिश्रम और साहस के साथ हाजीयों के सवालों का जवाब देने की कोशिश करनी चाहिए। हाजीयों की समस्याओं को हल करने और उनका उत्तर देने से मत थको, क्योंकि यह तुम्हारा कर्तव्य है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी ने नहज अल-बालागह में अमीर अल-मुमिनिन अली (अ) के अपने उपदेश में यह इंगित करते हुए कहा कि आपको इस यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया है। बैत-उल-हराम के जायरीन से अपने हज के इनाम को इमाम (अ.त.फ.श.) में से एक को पेश करने का प्रयास करने के लिए कहें क्योंकि यह एक महान काम है।
उन्होंने आइम्मा ए बक़ीअ की गरीबी और मदीना के हाजीयों से इनका परिचय कराने की आवश्यकता की ओर इशारा किया और जोर देकर कहा कि उन्हें नंगे पैर बकिया के जियारत करने जाना चाहिए क्योंकि वहाँ ईश्वर का सिंहासन और अल्लाह के फरिश्ते हैं।
अंत में, उन्होंने सभी हाजीयों से इमाम ज़माना (अ.त.फ.श.) की सुरक्षा के लिए और सभी लोगों की चिंताओं और परेशानियों को दूर करने के लिए दुआ करने का आग्रह किया, चाहे वह अल्लाह के घर में हो या मैदान ए अरफात मे दुआ करें। इमाम ज़माना (अ.त.फ.श.) की सुरक्षा और उनके शीघ्र ज़हूर होने के लिए ढेरो दुआ ए करें।