हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मक़ारिम शिराज़ी ने हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति और ज़ायोनी सरकार इज़राइल की ओर से इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता (रहबर-ए-मोअज़्ज़म) और मरजइयत को दी गई धमकियों के जवाब में एक स्पष्ट फ़तवा जारी किया है।
उन्होंने कहा,कोई भी व्यक्ति या सरकार जो इस्लामी उम्माह और उसके नेतृत्व को नुकसान पहुँचाने के इरादे से रहबर-ए-मोअज़्ज़म या मरजइयत को धमकी दे या (नौज़ुबिल्लाह) उन पर हमला करे, उसका हुक्म 'मुहारिबत' यानी अल्लाह और उसके रसूल से लड़ने वाला है।
आयतुल्लाह मक़ारिम ने आगे कहा कि ऐसे किसी भी दुश्मन सरकार या व्यक्ति के साथ सहयोग करना, समर्थन देना या चुप रहना शरई तौर पर हराम है, चाहे वह सहयोग आम मुसलमानों की तरफ से हो या किसी इस्लामी सरकार की तरफ से।
उन्होंने सभी मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा,मुसलमानों पर वाजिब है कि वे इन दुश्मनों को उनकी गलतियों पर पश्चाताप करवाएँ, और अगर इस राह में कोई कठिनाई या नुकसान भी उठाना पड़े, तो उन्हें इंशाअल्लाह 'मुजाहिद फी सबीलिल्लाह' का अज्र मिलेगा।
मरजा-ए-तक़लीद ने अपनी दुआ में कहा,अल्लाह तआला सभी आलिम-ए-रब्बानी, मराजे-ए-तक़लीद और रहबर-ए-मोअज़्ज़म को हज़रत वली-ए-अस्र अज्जलल्लाहु तआला फरजह की खास इनायत में हिफ़ाज़त करें और दीन के दुश्मनों के शर से बचाएँ।
आपकी टिप्पणी