हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान के शहर नज़राबाद के इमाम ए जुमआ इस हफ्ते नज़राबाद शहर में जुमे की नमाज़ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन कादिर मोहम्मदी की इमामत में अदा की गई।
नज़राबाद के जुमा इमाम ने अपने खुत्बे में आशूरा आंदोलन की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए या हुसैन के नारे को ईरानी राष्ट्र की दृढ़ता और दुश्मनों के सामने न डरने के प्रतीक के रूप में बताया।
उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र ने इतिहास में हमेशा आशूरा संस्कृति और सय्यदुश शुहदा (अ.स.) के मार्ग का अनुसरण करते हुए गौरव और जीत का रास्ता अपनाया है।
उन्होंने जोर देकर कहा,'या हुसैन' का मूल तत्व सत्य के मार्ग पर अडिग रहना और दुश्मनों की धमकियों से न डरना है, जिस पर हमेशा ध्यान देना चाहिए
हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) का मार्ग ईरानी राष्ट्र के लिए प्रेरणा और संघर्ष का प्रतीक है। पश्चिम एशिया नाज़ुक और निर्णायक दौर से गुजर रहा है, ईरान राष्ट्रीय एकता ही सबसे बड़ी ताकत है।
सर्वोच्च नेता (रहबर) ने युद्ध के दौरान कुशलता से नेतृत्व किया, जिससे दुश्मनों की रणनीति विफल हुई।
आपकी टिप्पणी