हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,बुधवार 6 सितंबर को दुनिया के बहुत सारे देशों में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों का चेहलुम मनाया जा रहा है ईरान समेत दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु अरबईन के मौक़े पर इराक़ के पवित्र नगर कर्बला पहुंचे हैं।
इस बीच इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के प्रति आस्था रखने वाले करोड़ों लोग ऐसे भी हैं जो पवित्र नगर कर्बला नहीं पहुंच सके हैं। वह दुनिया के जिस भी कोने में हैं वहीं कर्बला के शहीदों का चेहलुम मना रहे हैं।
इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने पूर्वी ईरान के दक्षिण ख़ुरासान प्रांत की राजधानी बीरजंद के इमाम ज़ादेगान बाक़ेरिया शहर में अरबईन के मौक़े पर आयोजित एक विशाल शोक सभा में भाग लिया।
सैयद इब्राहीम रईसी ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की याद में आयोजित शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज दिल कर्बला की याद में डूबा हुआ है, आंखें नम हैं और हम सबकी बस यही आरज़ू है कि काश आज के दिन पवित्र नगर कर्बला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रौज़ पर मौजूद होते।
अरबईन के मौक़े पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक मिलियन मार्च का उल्लेख करते हुए ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि अरबईन, आशूरा का प्रतीक है, दुनिया भर के नेक लोगों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें हमेशा इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रास्ते पर चलते रहना चाहिए।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि आशूरा मानव जीवन में सभी परिवर्तनों का स्रोत है और दुनिया के सभी आंदोलनों और क्रांतियों के लिए रोल मॉडल है।
राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अज्ञानता को दूर करने के लिए अपना ख़ून दे दिया, ताकि लोग अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकें और सही रास्ते का चयन कर सकें, ताकि अज्ञानता समाज पर हावी न हो सके।