हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आज़र शहर के इमाम जुमआ हुज्जतुल इस्लाम रिश्तबरी ने दुश्मनों के मनोवैज्ञानिक युद्ध साइकोलॉजिकल वारफेयर का जिक्र करते हुए जोर देकर कहा,जिस तरह 12 दिन के युद्ध में नेतृत्व की आज्ञा का पालन करके हमने जीत हासिल की, आज भी एकता बनाए रखना दुश्मनों की साजिशों का मुकाबला करने की कुंजी है।
हाजी काज़िम मस्जिद आज़रशहर में इन्ना अला अलअहद (हम वादे पर कायम हैं) के नारे के साथ इमाम हुसैन (अ.स.) के शोक में एक भव्य सीनाज़नी (मातमी) समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में अधिकारियों और इमाम हुसैन (अ.स.) के प्रेमियों ने भाग लिया।
हुज्जतुल इस्लाम रिश्तबरी ने कहा,सय्यदुश शोहदा इमाम हुसैन के मजलिस की खासियत यह है कि यह इस्लामी उम्मत और इंसानियत को बचाता है। इमाम हुसैन (अ.स.) ने शहादत इसलिए पाई ताकि लोगों को अज्ञानता से बचाया जा सके।
उन्होंने दुनियादारी को लोगों के गुमराह होने का मुख्य कारण बताया और कहा,दौलत, शोहरत और सत्ता की लालच इंसान को हक़ीकत से दूर कर देती है।
उन्होंने दुश्मनों के डर और मनोवैज्ञानिक हमलों को समाज की प्रगति में बाधा बताते हुए कहा, नेतृत्व का पालन और राष्ट्रीय एकता, दुश्मन के मनोवैज्ञानिक युद्ध में जीत की कुंजी है, जैसे 12 दिन के युद्ध में हमने जीत हासिल की थी।
अंत में उन्होंने राष्ट्रीय एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि इमाम हुसैन (अ.स.) के मातमी मजलिस इस्लामी उम्मत की जागृति और एकजुटता का केंद्र होने चाहिए।
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