मंगलवार 22 जुलाई 2025 - 23:31
मजलिस ए अज़ा में रहबर की तस्वीर लाना राजनीति नहीं।अल्लामा हसन ज़फर नक़वी

हौज़ा / मशहूर आलिम-ए-दीन ने कहा कि रहबर-ए-मोअज़्ज़म ने उम्मत को राजनीतिक शऊर दिया मज़लूम की हमेशा हिमायत की और डंके की चोट पर की। क्या मज़लूम के हामी की हिमायत करना या उसकी तस्वीर मजलिस में लाना कैसे राजनीति हो गई? उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा कहते हैं या सोचते हैं वह दीन की रूह से नावाकिफ हैं रहबर की मुख़ालफ़त करने वालों का पता लगाना होगा कि उनकी कड़ियाँ कहाँ मिलती हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , मुमताज आलिम-ए-दीन इमाम हसन ज़फर नकवी ने कहा है कि मजलिस-ए-अज़ा में रहबर-ए-मोअज़्ज़म आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई की तस्वीरें लाना राजनीति नहीं बल्कि खुद दीन है उन्होंने कहा कि हैरत है कि जो लोग ऐसा सोचते हैं कि रहबर की तस्वीर मजलिस में हो तो राजनीति होती है? 

उन्होंने कहा कि कोई भ्रष्ट, बदइंतिज़ाम और लुटेरा राजनीतिक लीडर अगर मजलिस में आ जाए या उसकी तस्वीरें लेकर आ जाए, तो क्या यह राजनीति नहीं? अक्सर देखा गया है कि कोई राजनीतिक लीडर अगर मजलिस में आ जाए, तो लोग मजलिस छोड़कर उसके आगे-पीछे हो रहे होते हैं यह चापलूसी ही असल राजनीति है। 

इमाम हसन ज़फर नकवी ने कहा कि रहबर-ए-मोअज़्ज़म ने उम्मत को राजनीतिक शऊर दिया, मज़लूम की हमेशा हिमायत की और डंके की चोट पर की। क्या मज़लूम के हामी की हिमायत करना या उसकी तस्वीर मजलिस में लाना कैसे राजनीति हो गई? 

उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा कहते हैं या सोचते हैं, वह दीन की रूह से नावाकिफ हैं। रहबर की मुख़ालफ़त करने वालों का पता लगाना होगा कि उनकी कड़ियाँ कहाँ मिलती हैं। यह कौन लोग हैं जो फिलिस्तीन के मज़लूम बच्चों के लिए आवाज़ उठाने वालों के खिलाफ बोल रहे हैं? ऐसे तत्वों का मुहासबा करना होगा।

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