हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ग़ज़्ज़ा की करीब 23 लाख आबादी के लिए रोज़ 600 ट्रकों की सहायता ज़रूरी बताई गई है। हालांकि कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने मदद के बड़े वादे किए, लेकिन ग़ज़्ज़ा के अफसरों के मुताबिक केवल 73 ट्रक ही पहुँच पाए हैं।
बच्चे भूख से दम तोड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी टॉम फ्लेचर ने कहा—ग़ज़्ज़ा के एक तिहाई लोग कई दिनों से कुछ नहीं खा पाए हैं, बच्चे बेहद कमज़ोर हो रहे हैं। इज़राइल की नई नीति में कुछ ढील दी गई है लेकिन राहत के लिए तत्काल और बड़े पैमाने पर प्रयास ज़रूरी हैं।
एक हफ्ते में 100 से ज्यादा ट्रकों को सीमा पर रोका गया, कुछ ही ट्रकों को अनुमति मिली। फ्लेचर ने मांग की कि सहायता को तेजी से मंज़ूरी मिले और मानवीय राहदारियाँ पूरी तरह सुरक्षित रहें। उन्होंने एक स्थायी युद्धविराम की भी माँग की।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, महीने भर से जारी इज़राइली घेराबंदी के चलते महज़ 73 ट्रक ही पिछले 24 घंटों में ग़ज़्ज़ा में पहुँच पाये। ग़ज़्ज़ा में भुखमरी से कम से कम 133 लोगों की मौत हो चुकी है—इनमें 87 बच्चे थे। अब पूरे क्षेत्र में संकट गहरा गया है और करीब 11 लाख बच्चों समेत पूरी आबादी पर असर है।
ग़ज़्ज़ा को रोज़ाना 600 ट्रकों की जरूरत है, लेकिन इज़राइली नाकाबंदी से हालात और खराब हो गए हैं। अधिकांश नागरिक थकान, पानी की कमी और भूख से कंकाल जैसे हो गए हैं।
7 अक्टूबर 2023 के बाद से इज़राइल की कार्रवाई से 59,800 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। 11,000 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हुए हैं। असल मौतों की गिनती शायद 2 लाख से भी ज्यादा हो सकती है। पूरा क्षेत्र अब खंडहर बन चुका है, सभी लोग बेघर—भूखे और बीमार हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने इज़राइली प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। ऐसे हालात में बातचीत भी ठप हो गई है, इज़राइल तब तक लड़ाई रोकने को तैयार नहीं जब तक 'हमास' पूरी तरह हथियार नहीं डाल देती, जिसे हमास ने नामंज़ूर किया है।
ग़ज़्ज़ा में भुखमरी और मानवीय संकट ऐतिहासिक स्तर पर है—संकट का हल सिर्फ बड़ी और बाधारहित राहत पहुंचाने एवं तत्काल स्थायी युद्धविराम से ही संभव है।
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